लेखक गाँव थानो(अंकित तिवारी):पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने देश और प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि दीपावली न केवल प्रकाश का पर्व है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का भी प्रतीक है, जो हमारी आत्मा को नव ऊर्जा प्रदान करता है। इस अवसर पर उन्होंने भारत के पहले ‘लेखक गांव’ द्वारा साहित्य, कला और संस्कृति के माध्यम से ज्ञान और सृजन का आलोक फैलाने का संकल्प लिया गया है।
डॉ. निशंक ने कहा कि साहित्य और संस्कृति समाज का दर्पण होती हैं, जो हमें अपने मूल्यों और परंपराओं से जोड़े रखती हैं। लेखक गांव का उद्देश्य भी यही है कि विभिन्न क्षेत्रों के साहित्यकार, कलाकार और संस्कृति प्रेमी यहाँ आकर अपने विचारों का आदान-प्रदान करें और अपनी रचनात्मकता को नया आयाम दें। जैसे दीपावली पर दीप जलाकर अंधकार का अंत किया जाता है, वैसे ही साहित्य और कला से समाज में व्याप्त अज्ञान, कटुता और वैमनस्य को मिटाया जा सकता है।
लेखक गांव में हर दीप जलता हुआ एक विचार का प्रतीक है, जो समाज में ज्ञान और विवेक की रोशनी फैलाने के लिए प्रज्ज्वलित होता है। यह गाँव हमारे साहित्यिक धरोहर को संजोने और संरक्षित करने का प्रयास है, जहाँ हर रचनाकार एक दीप की भाँति जलते हुए समाज में नई दिशा देने का कार्य करेगा।
इस दीपावली, लेखक गांव से यह संदेश जाता है कि हम सब अपने भीतर के अज्ञान और भ्रम के अंधकार को दूर कर एक सृजनशील और प्रगतिशील समाज की ओर बढ़ें।