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संजीवनी: उत्तराखंड के लिए एम्स ऋषिकेश की जीवनदायिनी हेली एम्बुलेंस सेवा

ऋषिकेश(अंकित तिवारी): उत्तराखंड के पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों में चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है। ऐसे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश द्वारा शुरू की गई हेली एम्बुलेंस सेवा संजीवनी एक ऐतिहासिक पहल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा धनतेरस के दिन 29 अक्टूबर 2024 को वर्चुअल माध्यम से शुरू की गई इस सेवा ने स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ बनाने की दिशा में एक नया आयाम जोड़ा है।संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि इस सेवा से हम अधिकाधिक लोगों को जीवनदान देने की भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संबन्धित क्षेत्र के जिलाधिकारी अथवा जिला चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से भी इस सेवा का लाभ उठाया जा सकता है।

इस सेवा का उद्देश्य स्पष्ट है: आपातकालीन स्थिति में फंसे लोगों को तेजी से उच्चतम गुणवत्ता की चिकित्सा सहायता प्रदान करना। चाहे वह ब्रेन स्ट्रोक हो, हार्ट अटैक, गर्भवती महिलाओं की जटिलताएँ, दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति, या पहाड़ों की विषम परिस्थितियों में फंसे लोग हों, यह हेली एम्बुलेंस सेवा सही मायनों में संकट में फंसे लोगों के लिए ‘संजीवनी’ साबित हो रही है।

आसान और व्यापक पहुंच
संजीवनी सेवा का लाभ उठाना बेहद सरल है। इसके लिए 24×7 कार्यरत टोल-फ्री नंबर 18001804278 और वाट्सएप नंबर 9084670331 जारी किए गए हैं। मरीज की स्थिति और मेडिकल रिपोर्ट साझा करने के लिए यह वाट्सएप नंबर विशेष रूप से उपयोगी है। इसके अलावा, जिला प्रशासन के माध्यम से भी यह सुविधा उपलब्ध है, जिससे लोगों की पहुंच और आसान हो गई है।

किसे मिलेगी हेली एम्बुलेंस ?  हेली एम्बुलेंस मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डाॅ. मधुर उनियाल के अनुसार राज्य के पहाड़ी जनपदों के दूर-दराज के इलाकों के ऐसे लोगों, जो किसी दुर्घटना का शिकार होने के कारण गंभीर अवस्था में हों, प्रसव न हो पाने की स्थिति में संकटग्रस्त गर्भवती महिला, ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक वाले व्यक्ति, पहाड़ी से नीचे गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल व्यक्ति, किसी जंगली जानवर या व्यक्ति द्वारा किए गए हमले में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति, उच्च हिमालयी क्षेत्रों की विषम भौगोलिक स्थिति के कारण मौसम या अन्य कारणों से संकट में फंसे व्यक्ति और जिस किसी भी वजह से अंग भंग होने या जीवन बचाने की जद्दोजहद झेल रहे व्यक्ति को एम्स पहुंचाने के लिए इस सेवा का उपयोग किया जा सकता है।

एक अनोखी पहल
एम्स ऋषिकेश देश का पहला सरकारी संस्थान है जिसने इस प्रकार की एरो-मेडिकल सेवा शुरू की है। यह सेवा केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। इसकी उपयोगिता को इस तथ्य से मापा जा सकता है कि शुरू होने के कुछ ही समय में इसने कई जिंदगियां बचाई हैं।

बहुत सुलभ है एम्स की हेली एम्बुलेंस मेडिकल सेवा

– जरूरत के लिए 18001804278 नम्बर पर करें काॅल

– धनतेरस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी थी राज्य को सौगात

चुनौतियों का समाधान
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या दुर्गम भौगोलिक स्थिति है। संजीवनी सेवा ने न केवल इन चुनौतियों का समाधान किया है, बल्कि यह राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में बसे लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। इस सेवा का प्रभाव इस बात से समझा जा सकता है कि गंभीर स्थितियों में मरीजों को समय पर एम्स ऋषिकेश पहुंचाने से उनके जीवन को बचाने की संभावना कई गुना बढ़ गई है।

नए भारत का प्रतीक
यह सेवा न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक उदाहरण है कि कैसे प्रौद्योगिकी और बेहतर योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जा सकता है। इस पहल ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में “सबका साथ, सबका विकास” की अवधारणा को साकार किया है।

संजीवनी सेवा उत्तराखंड के पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाओं के एक नए युग की शुरुआत है। यह न केवल जीवन बचाने का माध्यम है बल्कि राज्य के हर नागरिक के मन में एक भरोसा भी पैदा करती है कि जरूरत पड़ने पर उनकी मदद के लिए संजीवनी हर वक्त तैयार है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दी गई यह सौगात आने वाले समय में राज्य को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में मील का पत्थर साबित होगी।

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