टिहरी//जौनपुर//थत्यूड़//क्यारी
मुद्दत से तमन्ना थी कि राजकीय इंटर कॉलेज क्यारी!के शिक्षक साथियों और प्यारे बच्चों से मुलाकात की जाए।
इस विद्यालय के बारे में मित्रों और परिचितों से मिल रही जानकारी से रोमांचित हो रहा था और विद्यालय द्वारा किए जा रहे नवाचारों को देखने की इच्छा हो रही थी।
अंततः 13 दिसंबर को वह वक्त भी आया जब मैं अपने अजीज मित्र आनंद मनवाल जी के साथ प्रातःकाल देहरादून से इस सर्दी की ठिठुरन भरी भोर में क्यारी के लिए चला।
सुबह सवेरे हम पहाड़ों की रानी मसूरी का दीदार करते हुए निकले। रास्ते में सुवाखोली के सुंदर और साफ – सुथरे बाजार में* मनपसंद जलपान करते हुए आगे बढ़े। इससे आगे का सफर तो मानो स्वर्ग के सुख का आभास करा रहा था। सर्पीली सड़कों का सफर तय करते हुए थत्यूड़ बाजार से होते हुए हम क्यारी पहुंचे।
विद्यालय में पहुंचते ही इस विद्यालय के मालियों गोविंद सिरवाल जी, अनिल रांगड़ जी, डॉक्टर पवन कुदवान जी, बीरेंद्र चमोली जी, प्रीतम सिंह नेगी जी, अनीता मियां जी, अंजू रानी जी, पुष्पा रानी जी, रितु थपलियाल जी, रीमा रांगड़ जी, प्रभा शर्मा जी से प्रत्यक्ष मुलाकात हुई। इस आत्मीय मुलाकात में यह महसूस ही नहीं हुआ कि राजकीय इंटर कालेज क्यारी की इस फुलवारी के इन मालियों से यह पहली मुलाकात है।
271 बाल भगवानों की पाठशाला में दिनभर इन बाल भगवानों और इस क्यारी की फुलवारी को महकाने वाले मालियों से चर्चा वार्ता हुई और हम भी सकारात्मक ऊर्जा से लवरेज हुए।
इस सुंदर विद्यालय में नवाचार करने वाले शिक्षक साथियों से जब हमने बातचीत की तो बीरेंद्र चमोली जी ने बताया कि एक समय वे भी विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य पद पर आसीन रहे और उस समय विद्यालय की स्थिति ऐसी थी कि बैठने के लिए कुर्सियां भी नसीब नहीं थीं। श्री चमोली जी ने बताया कि उस दौर से और आज तक के इस सफर की कहानी बहुत रोमांचक है। उन्होंने विद्यालय की इस सफलता का श्रेय लंबे समय तक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य रहे शिक्षक साथी श्री अनिल रांगड़ जी को दिया।
विद्यालय में कुछ समय तक श्रीमती रितु थपलियाल जी ने भी विद्यालय के प्रधानाचार्य पद के दायित्व का निर्वहन किया। श्रीमती रितु थपलियाल जी ने बताया कि उन्होंने भी अपने कार्यकाल में इस विद्यालय के विकास के लिए हर संभव प्रयत्न किया। श्रीमती रितु थपलियाल जी ऐसी शिक्षिका हैं जिन्होंने विद्यालय में भौतिक संसाधनों के लिए अपनी जेब में हाथ डाला और ₹100000 की धनराशि विद्यालय की व्यवस्थाओं में खर्च किए। फिर हमने बातचीत की इस इंटर कालेज क्यारी को हाईटेक बनाने में जी जान से जुटे हुए और लंबे समय तक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य का दायित्व निभाने वाले श्री अनिल रांगड़ जी से। श्री अनिल रांगड़ जी ने बताया कि समाज के सहयोग से और क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार जी के सहयोग से आज इस विद्यालय को हाईटेक मंच मिला है,
और कक्षा कक्ष में स्मार्ट बोर्ड की भी व्यवस्था की गई है। श्री अनिल जी ने बताया कि विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की व्यवस्था नहीं है इसलिए समाज के सहयोग से एक परिचारिका और एक स्वच्छता कर्मी की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा की गई है। इसके साथ ही साथ विद्यालय के प्रधानाचार्य जी के कार्यालय को हाईटेक किया गया है। प्रधानाचार्य कक्ष से सभी कक्षा कक्षों में लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की व्यवस्था है। और कोई भी सूचना कक्षा कक्ष तक छात्रों या शिक्षकों को देनी है तो प्रधानाचार्य कक्ष से सूचना का प्रसारण किया जाता है। इस विद्यालय में घंटी बजाने की भी जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि कालांश समाप्त होने की सूचना स्वत: प्रधानाचार्य कक्ष से प्रसारित की जाती है।
श्री अनिल रांगड़ जी ने क्षेत्रीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार जी, ग्राम पंचायत क्यारी के ग्राम प्रधान जी क्षेत्र पंचायत सदस्य जी द्वारा विद्यालय को भौतिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए उनका बारंबार आभार व्यक्त किया ।
श्री अनिल रांगड़ जी ने क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता श्री सोमवारी लाल नौटियाल जी का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके प्रयासों से विद्यालय के प्रार्थना स्थल पर टाइल्स लगवाई गई हैं और बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं।
वर्तमान में विद्यालय का प्रभार देख रहे श्री गोविंद सिरवाल जी की सादगी और उच्च विचारों ने हमको बहुत प्रभावित किया। श्री गोविंद सिरवाल जी ने बताया कि उन्हें अभी इस विद्यालय में आए हुए बहुत कम समय हुआ है और आज जो भी सुंदर व्यवस्थाएं इस विद्यालय में दिखाई दे रही हैं उस सब का श्रेय यहां की पूरी टीम और श्री अनिल रांगड़ जी को जाता है। श्री गोविंद सिरवाल जी ने बताया कि इस विद्यालय का यह सौभाग्य है कि यहां पर कई साथी इस विद्यालय में प्रभारी प्रधानाचार्य के दायित्व का निर्वहन कर चुके हैं। विद्यालय परिवार पूरी टीम भावना के साथ मिलकर विद्यालय के विकास के लिए सतत कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षक साथियों का जो भी छात्र हित और विद्यालय हित में सुझाव होता है उसे हमारा पूरा सहयोग और समर्थन मिलता है। टीम भावना के कारण ही हमारा विद्यालय समाज में अलग पहचान रखता है।
डॉक्टर पवन कुदवान जी ने विद्यालय की प्रगति के लिए विद्यालय की टीम भावना, छात्रों के प्रति समर्पण और अभिभावकों के सहयोग को इंगित करते हुए कहा कि इस दूर दराज के विद्यालय में छात्र पांच-पांच किलोमीटर की दूरी तय करके प्रतिदिन विद्यालय पहुंचते हैं। डॉक्टर कुदवान जी ने कहा कि चूंकि यह ग्रामीण क्षेत्र का विद्यालय है इसलिए स्वाभाविक है कि इस विद्यालय में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं अध्ययन के साथ-साथ घर में माता-पिता के साथ कृषि और पशुपालन में भी हाथ बंटाते हैं। डॉक्टर पवन कुदवान जी ने कहा कि यह जौनपुर क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता सांस्कृतिक विरासत के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां छात्रों को अपनी संस्कृति और प्रकृति से प्रेम विरासत में मिला हुआ है। प्रवक्ता अर्थशास्त्र के पद पर कार्यरत प्रीतम सिंह नेगी जी जी ने कहा कि मुझे इस विद्यालय परिवार में ऐसा लगता है जैसे मैं लंबे समय से यहां पर कार्यरत हूं। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों के मध्य सहयोग, समर्पण और अपनात्व की भावना का जिक्र किया।
श्रीमती अनीता मिंया जी ने कहा कि यह ग्रामीण क्षेत्र का विद्यालय है इसलिए प्रसन्नता की बात यह है कि इस विद्यालय में अच्छी छात्र संख्या है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विद्यालय में 271 बच्चे अध्यनरत हैं। उन्होंने विद्यालय के बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यहां के बच्चे अनुशासित, मेहनती हैं और आज्ञापालक हैं।
श्रीमती अंजू रानी जी ने कहा कि इस विद्यालय के छात्र-छात्राएं बहुत परिश्रमी हैं। यह बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ घर के दैनिक कार्यों में भी अपने परिवार के साथ मेहनत करते हैं।
शिक्षिका श्रीमती पुष्पा रानी जी ने भी इस विद्यालय के साथ व्यतीत अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि विद्यालय के छात्र-छात्राएं सभी क्षेत्रों में प्रतिभाग करते हैं और मुकाम हासिल करते हैं।
ड्राइंग की शिक्षिका प्रभा शर्मा जी ने कहा कि यहां के छात्र पढ़ाई – लिखाई की बात हो, खेलकूद की बात हो या सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बात हो हर क्षेत्र में आगे हैं।
सेविका रीमा रांगड़ जी ने कहा कि मुझे इस विद्यालय में बच्चों और शिक्षकों के साथ कार्य करने में बहुत आनंद का अनुभव होता है।
इस विद्यालय की काबिले तारीफ बात यह है कि जिस प्रकार से सरकारी संस्थाओं के कर्मचारी व्यवस्थाओं के लिए सरकार को दोष देते हैं वैसा इस विद्यालय में कहीं भी सुनने को नहीं मिलता है। सभी शिक्षकों ने स्वयं के प्रयास और समाज के सहयोग से सरकारी व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने का हर संभव प्रयास किया और अपने प्रयास में वह सफल भी हो रहे हैं।
इस विद्यालय में सुंदर, सुसज्जित और आधुनिक तकनीक से लैस प्रार्थना सभा स्थल सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है; दूसरी ओर कक्षाओं में लगे कैमरे और स्मार्ट बोर्ड छात्रों के लिए उपयोगी सिद्ध हो रहे हैं।
विद्यालय के शिक्षकों की तारीफ करनी होगी कि उन्होंने अभिभावकों का विश्वास जीता है और अभिभावकों के सहयोग से विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और सफाई कर्मचारी की व्यवस्था की है। समाज के सहयोग से विद्यालय की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल रही हैं।
विद्यालय की भोजन माता बड़े प्रेम और आत्मीयता से बच्चों को मध्याह्न भोजन परोसती हैं।
इस विद्यालय में कक्षा 8 में वर्तमान में 43 बच्चे अध्यनरत हैं। इस बार 36 बच्चे राष्ट्रीय साधन सह छात्रवृत्ति परीक्षा में 23 दिसंबर को प्रतिभाग़ करेंगे।इन बच्चों से विद्यालय परिवार को बड़ी उम्मीदें हैं। विद्यालय के शिक्षकों ने इन छात्रवृत्ति परीक्षा में सम्मिलित होने वाले छात्रों के लिए शिक्षण की उचित व्यवस्था भी की है। विगत वर्ष इस विद्यालय से मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना में 9 बच्चों का चयन हुआ है। विकासखंड स्तर पर इतना अच्छा प्रदर्शन करने वाला जौनपुर ब्लॉक का यह पहला विद्यालय था। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय साधन सह छात्रवृत्ति परीक्षा में भी इस विद्यालय से गत वर्ष तीन बच्चों का चयन हुआ है।
यह भी प्रशंसनीय है कि इस विद्यालय में लगातार सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है और छात्र-छात्राओं को अपनी प्रतिभा, अपना हुनर दिखाने का अवसर प्राप्त होता रहता है।
विद्यालय के छात्र-छात्राएं सुबह की प्रार्थना सभा में सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी, और समाचार वाचन में अपनी विशिष्टता का प्रदर्शन करते हैं जो कि अन्य विद्यालयों के लिए भी अनुकरणीय है।
इस विद्यालय में हम दिनभर रुके तो सबसे अच्छा यह लगा कि इस विद्यालय में गांव के बच्चे हैं जो स्वत: अनुशासित हैं। इन बच्चों को कुछ बोलने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। विद्यालय का वातावरण बड़ा शांत है और शिक्षण के लिए बहुत अनुकूल है ।
जब हम कक्षा 6 के बच्चों से मिले तो बहुत आनंद आया। सभी बच्चे उत्साहपूर्वक अपनी बात रख रहे थे। मस्ती में बचपन इसे ही कहते हैं। हर बच्चा हाजिरजवाब है।
थॉट ऑफ द डे हर बच्चे की जुबां पर है। निर्भीक होकर बच्चे अपने मन की बात कहते हैं। कुल मिलाकर आप जन कवि गिरीश तिवाड़ी गिर्दा जी की कविता विद्यालय बने आनंदालय यहां पर साकार हो रही है।
प्रकृति की गोद में बसा यह विद्यालय अपने शांत वातावरण से सभी के मन को मोहित कर देता है। शहर का कोलाहल शहर यहां दूर-दूर तक सुनाई नहीं देता है।
एक जरूरी बात जो हमें महसूस हुई कि इस विद्यालय में विज्ञान वर्ग के बच्चों के लिए इंटर स्तर पर अध्ययन की सुविधा उपलब्ध नहीं है। केवल मानवीकी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए ही यहां पर शिक्षण की व्यवस्था है। विज्ञान विषयों में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों को अन्य विद्यालयों की शरण लेनी पड़ती है जो कि बहुत चिंता की बात है।
सरकार को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। जहां एक ओर शिक्षक, अभिभावक, छात्र और स्थानीय ग्रामवासी इस विद्यालय को सजाने, संवारने में तन मन धन से निरंतर लगे हुए हैं वहीं सरकार को भी इस विद्यालय की ओर ध्यान देना चाहिए और इस क्षेत्र के विज्ञान वर्ग में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए इस विद्यालय को इंटर स्तर पर विज्ञान वर्ग की स्वीकृति देनी चाहिए। इस विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भी आवश्यकता है। 271 की छात्र संख्या अपने आंगन में समेटे इस विद्यालय में मानवीय संसाधनों की जरूरत तो सरकार को ही पूरी करनी है। इस विद्यालय में प्रयोगशाला सहायक का पद भी रिक्त है।
प्रसन्नता की बात यह है कि भौतिक संसाधनों की यदि हम बात करें तो इस विद्यालय के लिए नए भवन के लिए धन स्वीकृत हो गया है और जल्दी ही इस विद्यालय का अच्छा सा भवन बनकर तैयार हो जाएगा। भौतिक संसाधनों एवं शैक्षिक वातावरण की दृष्टि से अगर देखें तो यह विद्यालय विकासखंड स्तर पर ही नहीं बल्कि जनपद स्तर पर भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
नवाचारों के लिए तो यह विद्यालय जनपद ही नहीं बल्कि राज्य स्तर के विद्यालयों के लिए भी प्रेरणास्रोत के रूप में है। शैक्षिक दृष्टि से अगर देखे तो इस विद्यालय के होनहार छात्र अपनी प्रतिभा से सबको मुदित कर देते हैं। हर बच्चा नि:संकोच अपनी बात रखता है। यह इस विद्यालय के छात्रों की सबसे बड़ी खूबी हमें दिखाई दी।
कुल मिलाकर अंत में यही कहना चाहूंगा कि राजकीय इंटर कालेज क्यारी की फुलवारी में महकने वाले इन बाल भगवानों से मिलकर हमें बहुत अच्छा लगा। क्यारी की फुलवारी में बाल भगवानों को पल्लवित और पुष्पित करने वाले इन मालियों को नमन। कुल मिलाकर टीम क्यारी है बहुत प्यारी और सबसे न्यारी।
टीम क्यारी के लिए सैल्यूट।
फिर मिलते हैं दोस्तों।