डोईवाला//रानीपोखरी
डॉ. उमेश चमोला, एक कर्मयोगी शिक्षक, उच्च कोटि के सरल साहित्यकार, गढ़वाली बोली भाषा की माटी की सुगंध देश दुनिया तक पहुंचाने वाले हम सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं।
आज आपको उनके रचना संसार से अवगत कराने का प्रयास करते हैं।
आपका जन्म स्थान – ग्राम कौशलपुर, जनपद रुद्रप्रयाग है।
शिक्षा -एम. एस -सी, एम. एड, पत्रकारिता स्नातक (रजत पदक ),
प्रकाशित पुस्तकें – काव्य – 1-राष्ट्रदीप्ति (राष्ट्रभक्ति पूर्ण गीत -कविता संग्रह ) 2-फूल (बाल कविता संग्रह )
3-पथ्यला (गढ़वाली गीत -कविता संग्रह )
4-नंतीनो कि सजोली (25 गढ़वाली और 25 कुमाउनी बाल काव्य संकलन -गढ़वाली -डॉ उमेश चमोला,
कुमाउनी -विनीता जोशी, पहला संयुक्त गढ़वाली -कुमाउनी बाल काव्य संकलन ) खण्ड काव्य -उमाळ उपन्यास -1-निर्बजु (गढ़वाली )-श्री गुरुराम राय विश्व विद्यालय देहरादून के एम. ए. स्तर के पाठ्यक्रम में शामिल.
2-कचकि (गढ़वाली ) 3-अबवलो (गढ़वाली -प्रकाशनाधीन ) ।
कहानी संग्रह -1. चिक चिक एन्ड ब्लोइंग विण्ड (अंग्रेजी में ) -इसका अनुवाद जापानी और बांग्ला भाषा में हो चुका है।2-आस -पास विज्ञान (विज्ञान आधारित कविता संग्रह)
3-आपदा और पर्यावरण पर आधारित बाल कहानियां
4-धुरलोक से वापसी और अन्य विज्ञान कथाएँ
5- विज्ञान कथा संग्रह प्रेस में ….
6-विज्ञान प्रगति, विज्ञान परिप्रेक्ष्य, बालवाटिका, रचनाकार, रीजनल रिपोर्टर आदि में विज्ञान कथाओं का प्रकाशन।
7-नई दिल्ली प्रकाशन की पत्रिका सरिता द्वारा कहानी पिंजरे का पंछी पर ऑडिबुक का निर्माण। 8-पठन -पाठन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाली और हिन्दी में रीडिंग कार्ड के माध्यम से प्राथमिक स्तर के बच्चों के लिए कहानी लेखन।
लोक कथा -1-उत्तराखंड की लोक कथाएँ (काथ काणी, रात ब्याणी ) खण्ड एक,
2- उत्तराखंड की लोक कथाएँ (काथ काणी, रात ब्याणी, खण्ड 2 ) 3-लोकस्वर
4-एक सौ बालोपयोगी लोक कथाएँ।
5- ऑनलाइन पत्रिका रचनाकार और विभिन्न यू ट्यूब चैनलों के माध्यम से 30 से अधिक लोक कथाओं का प्रसारण. नाटक -1- बणदयो कि चिट्ठि (गढ़वाली )-पर्यावरण और शिक्षा पर आधारित बाल नाटिका संग्रह
2- जल संकट और अन्य विज्ञान नटिकायें
एकांकी नाटक -पर्यावरण शिक्षा पाठ्य सहगामी क्रिया कलाप व्यंग्य।
1. व्यंग्य कविता संग्रह पड़वा बल्द (गढ़वाली )
2. देश की प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में व्यंग्य आलेखों का प्रकाशन रेडियो वार्ता 1-पर्वतीय अंचल में जड़ी बूटियां।
2- गढ़वाल मा लोक कथा साहित्य
3-उत्तराखंड कि क्षेत्रीय भाषाओं मा बाल साहित्य 4-कविवर सुमित्रा नंदन पंत कु साहित्य।
5-कालिदास का साहित्य मा मध्य हिमालय कु परिवेश।
6-गढ़वाली लोकगीतों का विविध रूप।
दूरदर्शन पर समय -समय पर लोक कथा, काव्य और बाल साहित्य पर आधारित वार्ताओं का प्रसारण. रेडियो एपिसोड – बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान के अंतर्गत कोरोना काल में बच्चों के शिक्षण के लिए पर्यावरण और भाषा विषय में रेडियो एपिसोडों का लेखन एवं पोडपोस्ट और आकाश वाणी केंद्रों से प्रसारण।
आलोचना /समालोचना – 30 से अधिक पुस्तकों की समीक्षा और भूमिका लेखन।
संस्मरण -कुछ बातें, कुछ यादें शीर्षक के अंतर्गत 42 संस्मरण ब्लॉग में प्रकाशित।
शोध – 1-महाकवि कालिदास के साहित्य में मध्य हिमालय
2- महाकवि कालिदास के साहित्य में वनस्पति विज्ञान 3-रविंद्र नाथ टैगोर के साहित्य के विविध पक्ष 4-चंद्र कुंवर बर्त्वाल के साहित्य में प्रकृति चित्रण 5–चंद्र कुंवर बर्त्वाल के साहित्य में विभिन्न युगीन प्रवृत्तियां।
6-लोकगीतों का रचना संसार और इनके सृजन में महिलाओं की भूमिका।
7-उत्तराखंड के लोकगीतों में सम सामयिक परिवेश 8-बहु भाषी कक्षा :एक अधिगम संसाधन 9-शिक्षकों का पेशेवर विकास।
10-अधिगम स्तर आकलन।
11-विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता सम्बन्धी प्रभावी कारक : एक विश्लेषण 12-माध्यमिक स्तर के शिक्षकों के प्रशिक्षण की प्रभावशीलता :एक विश्लेषण
13-शिक्षण में प्रेरण का प्रभाव :एक अध्ययन 14-ग्रीष्म कालीन शिविर, भाषा सम्बन्धी कुछ अनुभव। यह शोध प्रोढ शिक्षा (भारतीय प्रोढ शिक्षा महा संघ नई दिल्ली ), भारतीय आधुनिक शिक्षा (एन. सी. ई. आर. टी नई दिल्ली ), अकेडमिया एडु, साहित्य समीक्षा* (देहरादून ), उदगाता (उत्तराखंड भाषा संस्थान देहरादून ) आदि में प्रकाशित हैं।
पुस्तकों पर शोध – डॉ उमेश चमोला के साहित्य में नारी पात्रों का चरित्र चित्रण -शोधकर्ता -डॉ. अनुराधा शर्मा।
पहेलियां – एक सौ विज्ञान पहेलियां संपादन -1-कोरोना काल की कविताएं (ऑनलाइन कविता संकलन )
2-प्रवर्तन (शिक्षा विभाग की पत्रिका )।
3-एस. सी. ई. आर. टी उत्तराखंड द्वारा प्रकाशित 22 से अधिक प्रशिक्षण साहित्य का संपादन। 3-उत्तराखंडी भाषाओं की मासिक पत्रिका कुमगढ़ के सह सम्पादक के रूप में कार्य
4- स्मृति ग्रन्थ पुष्पांजलि।अनुवाद -1-लियो टॉलस्ताय की 16 कहानियों का गढ़वाली में अनुवाद 2-शेक्स पियर के दस नाटकों का गढ़वाली में रूपांतरण।*
3-एन. सी. ई. आर. टी नई दिल्ली द्वारा विकसित बरखा सीरीज की 44 पुस्तकों के गढ़वाली भाषा अनुवाद में सह भागिता 4-भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित फाउंडेशनल लिटरेसी एन्ड न्यूमेरेसी विषयक दिशा निर्देशों पर आधारित पुस्तक का अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद।
*पुरस्कार -देश की कई प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा सम्मानित।*
अन्य – 1-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा के निर्माण में पर्यावरण शिक्षा के लिए चेयर परसन के रूप में योगदान।
2-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में प्रारंभिक स्तर के बच्चों के लिए उत्तराखंड की महान विभूतियाँ और कक्षा 9 और 10 की आपदा प्रबंधन और कक्षा 9 की गृह विज्ञान पुस्तक के लेखन में सहभागिता.
3-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशसाओं को ध्यान में रखते हुए गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी और रंवाई भाषा के लिए पाठ्यक्रम निर्माण और लेखन में सहभागिता। 4-किशोर बच्चों के लिए स्वच्छता और स्वास्थ्य पर आधारित कमिक्स लेखन में सहभागिता।
5-लोक संगीतमय ई सामग्री के अंतर्गत उत्तराखंड की वनस्पतियाँ एवं जंन्तु विषय पर गीत का लेखन।
6-उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा की पर्यावरण अध्ययन की पुस्तक (कक्षा 3से 5) लेखन का समन्वयन और लेखन तथा संपादन में सहभागिता। 7-उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा द्वारा कक्षा 6 से 8 की हिन्दी की पुस्तकों में वित्त साक्षरता पर आधारित कहानियों का लेखन 8-इंदिरा गाँधी मुक्त विश्व विद्यालय नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित उच्च प्राथमिक स्तर के शिक्षकों के लिए पठन सामग्री लेखन में इकाई लेखक के रूप में कार्य।
9-राष्ट्रीय स्वच्छता मिशन ग्रामीण के अंतर्गत प्राइमरी से इंटर तक के बच्चों की पठन सामग्री के लिए कविता, कहानी और पहेली का लेखन.
10-शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत एन. सी. ई. आर. टी. नई दिल्ली द्वारा विकसित प्रवेशिका उजास के उत्तराखंड के सन्दर्भ में परिवर्धन और परिशोधन में सह भागिता. 11-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के लिए जागरूकता प्रसार हेतु गढ़वाली में जिंगल का लेखन.
12-नीलम कैसेट द्वारा विकसित गौ मा ऑडियो कैसेट के लिए गढ़वाली गीतों का लेखन।
13-विभिन्न कवि सम्मलेनों में प्रतिभागिता।
14-ई कोष में प्रकाशित.