ऋषिकेश(अंकित तिवारी):अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में इन दिनों स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसके माध्यम से लोगों को स्वच्छता के महत्व के प्रति संवेदनशील बनाया जा रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य न केवल संस्थान परिसर में स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करना है, बल्कि आमजन को भी स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने हेतु प्रेरित करना है।
यह अभियान केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार देशभर के स्वास्थ्य संस्थानों में संचालित किया जा रहा है। एम्स ऋषिकेश में आयोजित विशेष कार्यक्रमों की श्रृंखला की शुरुआत संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह द्वारा स्वच्छता शपथ दिलाकर की गई। उन्होंने सभी हेल्थ केयर वर्करों और स्टाफ से आह्वान किया कि वे स्वच्छ भारत के संकल्प को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वच्छ वातावरण अनिवार्य है।
चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने कहा कि स्वच्छता एक व्यक्तिगत जिम्मेदारी है, जिसे सामूहिक अभियान के रूप में अपनाने की जरूरत है। उन्होंने चिकित्सीय क्षेत्र के साथ-साथ समाज के हर वर्ग से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी की अपील की।
स्वच्छता अभियान की समन्वयक डॉ. पूजा भदौरिया ने कहा कि बदलाव की शुरुआत हमें स्वयं से करनी होगी। उन्होंने बताया कि पखवाड़े के दौरान संस्थान में विशेष साफ-सफाई अभियान, नुक्कड़ नाटक, पोस्टर और वाल पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य लोगों को रचनात्मक तरीके से स्वच्छता के प्रति प्रेरित करना है।
इस स्वच्छता पखवाड़े में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, हेल्थ केयर वर्कर्स, तकनीशियनों, स्वच्छता टीम, संक्रमण नियंत्रण टीम और डायटीशियनों सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी देखी जा रही है। डीएमएस डॉ. भारत भूषण, डॉ. रवि कुमार, मुख्य नर्सिंग अधिकारी रीटा शर्मा, एवं संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारी, डीएनएस, एएनएस तथा नर्सिंग अधिकारियों की उपस्थिति में कार्यक्रमों का संचालन किया गया।