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दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के परिश्रम और उपलब्धियों का उत्सव : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा

सरकार का उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना

ऋषिकेश(अंकित तिवारी):अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश का पांचवां दीक्षांत समारोह सोमवार को भव्य रूप से आयोजित हुआ। समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा ने की, जबकि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस गरिमामयी अवसर पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, लोकसभा सांसद  अजय भट्ट,  अजय टम्टा, पूर्व मुख्यमंत्री  , हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, तथा विधानसभा अध्यक्ष श्रीमत रितु खंडूड़ी भूषण की उपस्थिति रही।

केंद्रीय मंत्री  नड्डा ने अपने संबोधन में दीक्षांत समारोह को विद्यार्थियों के जीवन का अहम पड़ाव बताया और कहा कि यह उनके परिश्रम और उपलब्धियों का उत्सव होता है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य देश के अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण, सुलभ और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। श्री नड्डा ने बताया कि आज देशभर में 22 एम्स संचालित हो रहे हैं और 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर लोगों को सेवा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी साझा किया कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 780 हो गई है, जिसमें पिछले एक दशक में 101% की वृद्धि हुई है। एमबीबीएस सीटों में 130% और पीजी सीटों में 138% का इजाफा हुआ है।

 

नड्डा ने एम्स ऋषिकेश की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं की मदद से 309 गंभीर मरीजों की जान बचाई है। टेलीमेडिसिन के क्षेत्र में भी एम्स ऋषिकेश देश के अग्रणी संस्थानों में है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रत्येक एमबीबीएस छात्र पर औसतन 30 से 35 लाख रुपये खर्च करती है, और छात्रों से अपेक्षा की कि वे करुणा, ईमानदारी और समर्पण के साथ समाज की सेवा करें।

 

समारोह में केंद्रीय मंत्री ने चिकित्सा सेवाओं के विस्तार हेतु कई आधुनिक सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा यूनिट, न्यूक्लियर मेडिसिन विभाग में पीईटी स्कैन मशीन, रेडियोलॉजी विभाग में पीएसीएस प्रणाली, और उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।

 

दीक्षांत समारोह में कुल 434 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई। इनमें 98 एमबीबीएस, 95 बीएससी नर्सिंग, 54 बीएससी संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान, 109 एमडी/एमएस/एमडीएस, 17 एमएससी नर्सिंग, 1 एमएससी मेडिकल संबद्ध, 12 मास्टर ऑफ पब्लिक हेल्थ, 40 डीएम/एमसीएच और 8 पीएचडी विद्यार्थी शामिल रहे। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 10 छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों के कारण स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आए हैं। उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं जैसे रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी उपलब्ध करा रहा है। राज्य में 5,000 से अधिक ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं और सरकार प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने हेतु कार्यरत है।

इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन एकेडमिक्स प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्य श्री, उप निदेशक प्रशासन कर्नल राजीव सेन रॉय, डीन परीक्षा प्रो. प्रशांत पाटिल, वित्तीय सलाहकार लेफ्टिनेंट कर्नल एस. सिद्धार्थ, आयोजन समिति अध्यक्ष प्रो. लतिका मोहन सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख, संकाय सदस्य, अधिकारीगण, छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित रहे।

दीक्षांत समारोह ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि एम्स ऋषिकेश चिकित्सा शिक्षा और सेवा के क्षेत्र में देश के अग्रणी संस्थानों में शुमार है।

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