ऋषिकेश(अंकित तिवारी):देश की स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा देने की ओर कदम बढ़ाते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने मंगलवार को एम्स ऋषिकेश में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का शुभारंभ किया। इनमें पिक्चर आर्चिविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (पैक्स), आयुष विभाग में एकीकृत चिकित्सा विभाग तथा 42 बेड वाले ‘सेन्टर फॉर एडवांस्ड पिडियाट्रिक’ जैसे आधुनिक चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, एम्स के अध्यक्ष प्रो. समीरन नंदी, कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डीन एकेडेमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. बी. सत्या श्री सहित संस्थान के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
पैक्स स्कैन सिस्टम से स्वास्थ्य सेवा में नई क्रांति
एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर में स्थापित पिक्चर आर्चिविंग एंड कम्युनिकेशन सिस्टम (पैक्स) एक उन्नत तकनीक है, जो एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी इमेजिंग विधियों से प्राप्त छवियों को डिजिटल रूप से संग्रहित व प्रसारित करने की सुविधा देती है। इससे निदान में तेजी आएगी और रोगियों के इलाज में सटीकता बढ़ेगी।
एकीकृत चिकित्सा विभाग से समग्र स्वास्थ्य सेवा की पहल
आयुष विभाग में शुरू हुए एकीकृत चिकित्सा विभाग के अंतर्गत आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा के साथ मिलाकर रोगी केंद्रित समग्र देखभाल प्रदान की जाएगी। इसमें एकीकृत ओपीडी, टेली आयुष सेवाएं, योगा हॉल और स्वास्थ्य कार्यशालाओं के माध्यम से रोगियों को लाभ पहुंचाया जाएगा।
बाल रोगियों के लिए एडवांस्ड ट्रीटमेंट की सुविधा
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से स्थापित 42-बेड वाले ‘सेन्टर फॉर एडवांस्ड पिडियाट्रिक’ का उद्घाटन भी मंगलवार को किया गया। इस केंद्र में 1 माह से 14 वर्ष तक की उम्र के गंभीर रूप से बीमार बच्चों का इलाज किया जाएगा। इसमें जनरल वार्ड, पीडियाट्रिक आईसीयू और एचडीयू जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
योग और आयुष कल्याण पथ की शुरुआत
आयुष भवन में ‘आयुष इंटीग्रेटेड वेलनेस पथ’ और ‘योगा कक्ष’ का भी उद्घाटन किया गया, जिससे संस्थान के डॉक्टरों, कर्मचारियों और रोगियों को योग और आयुष आधारित जीवनशैली अपनाने में मदद मिलेगी।
एम्स ऋषिकेश में स्वास्थ्य सेवाओं के इस आधुनिक विस्तार से न केवल उत्तराखंड राज्य, बल्कि पूरे उत्तर भारत के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं सहज रूप से उपलब्ध हो सकेंगी। केन्द्रीय मंत्री ने इन पहलों को गरीबों और आमजन के लिए हितकारी बताया तथा देशभर में एम्स संस्थानों को वैश्विक मानकों पर विकसित करने की दिशा में इसे एक अहम कदम बताया।