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एम्स ऋषिकेश में ‘आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ का शुभारंभ: पंचतत्व, नवग्रह व राशि वाटिका से मिलेगा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ

ऋषिकेश(अंकित तिवारी): एम्स ऋषिकेश के आयुष विभाग ने मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक कल्याण को समर्पित एक अभिनव पहल के तहत ‘आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ का निर्माण किया है।

आयुष पद्धति से उपचार करवाने के इच्छुक लोग अब एम्स में ’आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ से भी लाभान्वित हो सकेंगें। संस्थान ने इसके लिए आयुष विभाग परिसर में ज्योतिषीय रूप से डिजाइन किया गया एक विशेष पथ तैयार किया है। यह पथ तीन विशिष्ट अवधारणाओं पंचतत्व उद्यान, नवग्रह और राशि वाटिका को एकीकृत करता है, जो प्रत्येक व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण में अनूठा योगदान देते हैं।

समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एम्स ऋषिकेश के आयुष विभाग ने एक अभिनव पहल शुरू की है। अवधारणा है कि शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए पारंपरिक वैदिक ज्ञान और समकालीन चिकित्सा पद्धति को एक साथ जोड़कर इलाज किया जाय। इसके लिए संस्थान के आयुष विभाग परिसर में ’आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ बनाया गया है। इसमें पंचतत्व उद्यान, नवग्रह वन और राशि वन शामिल हैं। मंगलवार को एम्स ऋषिकेश के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने आए केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस पथ का विधिवत उद्घाटन कर चुके हैं।

आयुष एकीकृत स्वास्थ पथ में निर्मित ’पंचतत्व उद्यान’ पांच मौलिक तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, और आकाश को समाहित करता है। इन तत्वों के साथ प्रकृति-आधारित गतिविधियों के माध्यम से जुड़ाव महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इसमें हृदय सम्बंधी स्वास्थ्य में सुधार, शारीरिक संतुलन और प्रतिरक्षा प्रणाली में वृद्धि और दर्द में कमी शामिल है। इस पथ में शारीरिक, आध्यात्मिक और सामाजिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिये वैदिक ज्योतिष में मान्यता प्राप्त नवग्रहों के प्रारुप को प्रस्तुत करते हुए ’नवग्रह वाटिका’ भी स्थापित की गयी है। इस वाटिका में उन पौधों को लगाया गया है जिन्हें मानव स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता पर सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करने के लिए माना जाता है। इससे ध्यान और चिंतन के लिए बेहतर वातावरण प्राप्त होगा।

इस पथ पर समग्र स्वास्थ्य के लिए ज्योतिषीय लय के साथ संरेखित करती एक अन्य वाटिका भी निर्मित की गयी है। विभाग ने इसे ’राशि वाटिका’ नाम दिया है। इसमें उन पौधों को लगाया गया है जो हमारी सभी 12 राशि चिन्हों (राशियों) से जुड़े हैं। यह संरेखण इस दर्शन पर आधारित है कि जन्म के समय की ज्योतिषीय विन्यास व्यक्तिगत स्वास्थ्य और स्वभाव को प्रभावित करती है। अतएव राशि चिन्ह के पौधे इन प्रभावों को संतुलित करने में सहयोग करेंगे। विभाग ने यहां एक “अनंत पथ” भी निर्मित किया है। अंग्रेजी के 8 अंक के पैटर्न पर बनाया गया यह वाॅक पैर की स्थिति, टखने के घुमाव और मानव शरीर के गोलार्धों के बीच समन्वय में प्राकृतिक बदलाव को एकीकृत करता है। साथ ही मस्तिष्क मे न्यूरोनल सक्रियण को उत्तेजित करता है। इससे मोटर लर्निंग और न्यूरोमस्कुलर समन्वय में मदद मिलती है।

इसके अलावा योगिक और चिकित्सीय सार को पूरा करने के लिए आयुष विभाग में “योग और ध्यान कक्ष” को विशेष तौर से निर्मित किया गया है। आयुष विभाग की एचओडी डॉ. मोनिका पठानिया ने बताया कि ’आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ वैदिक ज्ञान और समकालीन विज्ञान का एक अनूठा मिश्रण है, जिसे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए विशेष तौर से डिजााइन किया गया है।

’’आयुष एकीकृत स्वास्थ्य पथ’ प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के बीच एक सेतु का काम करेगा। संस्थान की यह अभूतपूर्व पहल प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक प्रथाओं के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद करेगी। यह समग्र स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। ———- प्रो0 मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश।

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