Breakingउत्तराखंडदेश-विदेशपर्यटनमनोरंजनयूथवीडियोशिक्षासामाजिक

कैप्टेन टोनी’ : देहरादून की प्रतिभा और संस्कृति को समर्पित एक नारी सशक्तिकरण आधारित फिल्म

देहरादून(अंकित तिवारी): देहरादून की खूबसूरत वादियों में फिल्माई गई फीचर फ़िल्म ‘कैप्टेन टोनी’ की सफलतापूर्वक शूटिंग पूरी कर ली गई है। यह फ़िल्म चार लड़कियों की प्रेरणादायक कहानी पर आधारित है, जो समाज को आईना दिखाते हुए नारी सशक्तिकरण का सशक्त संदेश देती है। फ़िल्म की लेखिका, निर्देशक और निर्माता शाश्वती तालुकदार ने बताया कि देहरादून में शूटिंग का अनुभव उनके लिए बेहद सुखद और प्रेरणादायक रहा।

शाश्वती तालुकदार, जो प्रायः विदेशी परियोजनाओं से जुड़ी रही हैं, ने कहा, “देहरादून में जो प्रतिभा और समर्पण मुझे देखने को मिला, वह अविश्वसनीय है। यहाँ के कलाकारों ने हर अवसर पर अपनी प्रतिभा का प्रमाण दिया है।” उन्होंने यह भी बताया कि पिछले एक वर्ष से पूरी टीम ने निरंतर मेहनत की है और उत्तराखंड फिल्म विभाग द्वारा दिए जा रहे सहयोग से कलाकारों को अपना हुनर निखारने का अवसर मिला है।

फ़िल्म के सह-लेखक एवं निर्माता दानिश मिर्ज़ा ने देहरादून के निवासियों का आभार प्रकट करते हुए कहा, “इस फ़िल्म को बनाने में आम जनता से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक, सभी का सहयोग सराहनीय रहा। कलाकारों का मेल-जोल, जो देश के विभिन्न हिस्सों से आकर यहाँ एकत्र हुए, अपने आप में भारत की विविधता और एकता को दर्शाता है।”

फ़िल्म में प्रमुख भूमिकाओं में अंशिका, अनुष्का सिंह, तनुश्री चट्ठा, अंशिका पम्मू, निशा सिंह और अंजलि यादव जैसे युवा कलाकार शामिल हैं। साथ ही, उदिता देवरानी, प्रतीक कुमार, यशवंत प्रसाद, गाथा और हिमांशु ने भी अहम किरदार निभाए हैं। देहरादून रंगमंच के दिग्गज कलाकारों—अलोक उल्फत, सतीश धौलाखण्डी, जाग्रति डोभाल, संदीप नायक, निकोलस हॉफलैंड, वी. के. डोभाल, स. सी. श्रीवास्तव और इन्दु श्रीवास्तव—ने अपने अनुभव और अभिनय से फ़िल्म को उत्कृष्टता प्रदान की है।

फ़िल्म की टीम ने उत्तराखंड सूचना भवन, उत्तराखंड पुलिस, कारमन स्कूल, श्रीवास्तव सदन, कोरोनेशन हॉस्पिटल, उत्तराखंड पर्यटन विभाग तथा देहरादूनवासियों का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया है। देहरादून में फिल्मांकन प्रक्रिया की सहजता और कला के प्रति यहाँ के नागरिकों का प्रेम फ़िल्म की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

‘कैप्टेन टोनी’ न केवल एक सशक्त कहानी प्रस्तुत करती है, बल्कि यह उत्तराखंड के सांस्कृतिक, सामाजिक और रचनात्मक सहयोग की एक सुंदर मिसाल भी बनकर उभरी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button