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“हमारी शक्ति, हमारा ग्रह” थीम पर विद्यार्थियों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी):डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग (चमोली) में सोमवार को ‘पृथ्वी दिवस’ के उपलक्ष्य में भूगोल विभाग द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी.एन. खाली सहित अनेक शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति रही।

पृथ्वी दिवस 2025 की थीम “हमारी शक्ति, हमारा ग्रह” पर आधारित भाषण प्रतियोगिता में छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण, जल संचयन, ऊर्जा संरक्षण एवं कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रभावशाली विचार रखे। भाषण प्रतियोगिता में अंकित कुमार (बी.ए. षष्ठम सेमेस्टर) ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, प्रियंका (बी.ए. षष्ठम सेमेस्टर) द्वितीय और चांदनी (एम.ए. द्वितीय सेमेस्टर) तृतीय स्थान पर रहीं।

इसके साथ ही भूगोल परिषद द्वारा क्विज़, चार्ट एवं मॉडल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। क्विज़ प्रतियोगिता में बलवंत सिंह व शालिनी (एम.ए. चतुर्थ सेमेस्टर) ने क्रमशः प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जबकि सूरज कुमार और दीपक सिंह संयुक्त रूप से तृतीय स्थान पर रहे। चार्ट प्रतियोगिता में राहुल धुनियाल एवं प्रभात (एम.ए. चतुर्थ सेमेस्टर) ने प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

इस अवसर पर प्राचार्य डॉ. वी.एन. खाली ने कहा कि “पृथ्वी हमारी साझा संपदा है, और इसे संरक्षित रखना हम सभी का दायित्व है।”
भूगोल विभाग के प्रभारी डॉ. आर.सी. भट्ट ने बताया कि पृथ्वी दिवस की शुरुआत 22 अप्रैल 1970 को अमेरिका में हुई थी, जब करोड़ों लोगों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एकजुट होकर प्रदर्शन किया था। तभी से हर वर्ष इस दिन को विश्व पृथ्वी दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉ. बी.सी.एस. नेगी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का समय हरित ऊर्जा अपनाने और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को निभाने का है। डॉ. नेहा तिवारी पाण्डेय ने वृक्षारोपण, जल संचयन और ठोस कूड़ा प्रबंधन को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने पर बल दिया। वहीं डॉ. नरेंद्र पंघाल ने कहा कि पृथ्वी दिवस केवल एक दिन नहीं, बल्कि हमारे जीवन और भविष्य को दिशा देने वाला आंदोलन है।

कार्यक्रम में भूगोल विभाग के सभी छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही। आयोजन ने न केवल विद्यार्थियों को मंच प्रदान किया, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति सजग नागरिक बनने की प्रेरणा भी दी।

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