ऋषिकेश(अंकित तिवारी): एम्स ऋषिकेश ने पर्यावरण संरक्षण और अंगदान जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मदर्स मिरेकल स्कूल और मोहन फाउंडेशन के सहयोग से हरेला पर्व और अंगदान माह मनाया। इस खास मौके पर वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया और अंगदान के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाने के प्रयास किए गए।
इस कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि पृथ्वी को हरा-भरा बनाना और अंगदान के माध्यम से जीवन दान देना, दोनों ही मानवता की सच्ची सेवा हैं। उन्होंने हरेला पर्व के सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम पारंपरिक मूल्यों को आधुनिक स्वास्थ्य जागरूकता से जोड़ने में मदद करते हैं।
कार्यक्रम में मदर्स मिरेकल स्कूल की निदेशिका बिंदल ने वृक्षारोपण और अंगदान के महत्व को जोड़ते हुए कहा, “यह आयोजन धरती को जीवन देने और जरूरतमंद को नया जीवन देने के दो महत्वपूर्ण संदेशों को प्रदर्शित करता है।”
अंगदान जीवन संजीवनी अभियान के तहत यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अंकुर मित्तल ने छात्रों को अंगदान और प्रत्यारोपण की प्रक्रिया के बारे में सरल एवं प्रभावशाली ढंग से जानकारी दी। उन्होंने अंगदान के महत्व को समझाते हुए छात्रों को इस पुनीत कार्य में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान अंगदान पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए एक क्यूआर कोड स्कैनर भी लगाया गया ताकि लोग आसानी से अंगदान प्लेज फॉर्म भर सकें और अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त कर सकें।
इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री, प्रो. संजीव कुमार मिततल, डॉ. रोहित गुप्ता, डॉ. रजनीश अरोड़ा, डॉ. निधि केले, डॉ. विकास कुमार पंवार, डॉ. लोकेश अरोरा, डॉ. दिलीप कुमार और मोहन फाउंडेशन के सदस्य सहित कई अन्य लोग उपस्थित थे।