कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी): स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में कर्णप्रयाग महाविद्यालय ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की गौरवमयी धारा को जीवित रखने के उद्देश्य से एक अद्वितीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह कार्यक्रम न केवल छात्रों को इतिहास के सुनहरे पन्नों से परिचित कराने का माध्यम था, बल्कि यह राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने का एक सफल प्रयास भी था।
देश की स्वतंत्रता के लिए जिन महापुरुषों ने अपने प्राणों की आहुति दी, उनके संघर्ष को याद करने की आवश्यकता हमेशा बनी रहती है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के विविध पहलुओं को विद्यार्थियों तक पहुंचाना था। इसमें भाग लेने वाले छात्रों को न केवल उस संघर्ष से परिचित कराया गया, बल्कि उन्हें यह भी समझाया गया कि स्वतंत्रता केवल एक राजनीतिक घटना नहीं थी, बल्कि यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक क्रांति का परिणाम था।
कुल 24 छात्रों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया, जो इस बात का स्पष्ट संकेत था कि आज के छात्र भी अपने इतिहास के बारे में गहरी रुचि रखते हैं। सुनील सिंह, जिन्होंने एमए तृतीय सेमेस्टर इतिहास में प्रथम स्थान प्राप्त किया, उनका कहना था कि यह प्रतियोगिता उन्हें न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बारे में अधिक जानने का अवसर प्रदान करती है, बल्कि उनके अंदर देशभक्ति की भावना भी जागृत करती है। इसी प्रकार, ऋषभ थपलियाल (बीए पंचम सेमेस्टर) और अमीषा (बीएससी पंचम सेमेस्टर) ने क्रमशः द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया और अपनी कड़ी मेहनत के परिणामस्वरूप इन पुरस्कारों को पाया।
इतिहास विभाग की प्राध्यापिका डॉ. स्वाति सुन्दरियाल और भौतिक विज्ञान विभाग के प्राध्यापक श्री कमल किशोर द्विवेदी ने इस प्रतियोगिता का आयोजन सफलता से किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मदन शर्मा ने किया, जिनकी ओर से छात्रों को प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. अखिलेश कुकरेती ने विजेताओं को सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।
इस प्रकार के आयोजन न केवल विद्यार्थियों में प्रतियोगिता की भावना पैदा करते हैं, बल्कि उन्हें अपने देश के इतिहास से जुड़ने का भी अवसर प्रदान करते हैं। आज के युवा जब अपनी जड़ों से जुड़ते हैं, तो वे केवल इतिहास ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को भी बेहतर तरीके से समझ पाते हैं। ऐसे आयोजनों से यह उम्मीद जताई जा सकती है कि आने वाली पीढ़ी न केवल अपने कर्तव्यों को समझेगी, बल्कि उन्हें निभाने में भी सक्रिय रूप से भागीदार बनेगी।
कर्णप्रयाग महाविद्यालय द्वारा इस प्रकार के शिक्षाप्रद और प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन इस बात का संकेत है कि हम अपने इतिहास को याद रखकर ही भविष्य की ओर सफलता की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।