ऋषिकेश: एम्स ऋषिकेश से हाल ही में निकाले गए संविदा कर्मचारियों के समर्थन में स्थानीय पार्षदों ने आज वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी से मुलाकात की और जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेने की अपील की, ताकि ये कर्मचारी पुनः अपने कार्यों में लौट सकें। पार्षदों ने अधिकारियों से अनुरोध किया कि इन कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और समर्पण को ध्यान में रखते हुए कार्यकाल विस्तार और उचित वेतन वृद्धि के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाए।
पार्षदों ने बताया कि ये कर्मचारी पिछले दस वर्षों से एम्स में अपनी सेवा दे रहे हैं और समय-समय पर प्रशासन ने इनके कार्यकाल का विस्तार किया है। इसके बावजूद, इन कर्मचारियों का कार्यकाल अचानक समाप्त कर दिया गया है। पार्षदों का कहना है कि ये लोग अब अन्य संस्थानों में स्थानांतरित होने की स्थिति में नहीं हैं और उनके लिए यह एक बहुत बड़ी चुनौती है।
स्थानीय प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि समान वेतन स्तर पर कार्यरत अन्य कर्मचारियों को डबल वेतन और कार्यकाल विस्तार दिया गया है, जबकि इन कर्मचारियों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया है। “पिछले आठ वर्षों से इन कर्मचारियों का वेतन नहीं बढ़ा है और वे वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है,” ।
पार्षदों का कहना है कि इन कर्मचारियों के साथ न्यायपूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए, क्योंकि ये सभी स्थानीय लोग हैं और इनका भी नियमित भर्ती की तरह लिखित परीक्षा के द्वारा चयन प्रक्रिया से होकर चयन किया गया था । इनकी समस्याओं को उच्च अधिकारियों के समक्ष रखना उनका कर्तव्य है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे पर सकारात्मक निर्णय लेगा।
यह घटनाक्रम एम्स के संविदा कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिनकी भविष्यवाणी अभी अस्पष्ट बनी हुई है।
इस मुद्दे को लेकर राजेंद्र प्रेमसिंह बिष्ट, हरिद्वार सांसद प्रतिनिधि – स्वास्थ्य एवं विजेंद्र मोघा, राज्यमंत्री उत्तराखंड सरकार के प्रतिनिधि, के तौर पर कर्मचारियों की बात रखी। इसके अलावा, अन्य पार्षदों में संजय प्रेम सिंह बिष्ट, वीरेंद्र रमोला, एकान्त गोयल, संजय ध्यानी, राजेश कोठियाल, आशु धंग, प्रभाकर शर्मा, नवीन नौटियाल और विकास शाही भी मौजूद रहे।और कर्मचारियों की न्यायोचित मांगों का समर्थन किया।