देहरादून//हल्द्वानी
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेशव्यापी आंदोलन/धरना/प्रदर्शन के इस चरण में आज हल्द्वानी चित्रशिला घाट पर “तर्पण कार्यक्रम” किया गया। जिसमें प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली का पिंडदान कार्यक्रम कर प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली 2022 का विसर्जन गौतमी गंगा (गौला नदी) में किया गया।
राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं मंडल मंत्री डॉ.रवि शंकर गुसाईं ने कहा कि सरकार लगातार हमारे विद्यालयों और शिक्षा के संस्थानों की उपेक्षा कर छात्रहित व शिक्षक हित पर अतिक्रमण कर रही है। पिछले कई सालों से शिक्षकों की पदोन्नति न करने से हजारों शिक्षकों, प्रधानाध्यापकों और प्रधानाचार्यों के पद रिक्त चल रहे है। प्रदेश के नौनिहालों का भविष्य बिना मुखिया के भरोसे काम चलाऊं व्यवस्था के नाम पर संचालित हो रहे है। पिछले कई सालों से राजकीय शिक्षक संघ अपनी न्यायोचित मांगों और पदोन्नति के लिए आंदोलनरत है। संगठन बार-बार सरकार से गुहार लगा रहा है।
प्रदेश के 1378 राजकीय इंटरमीडिएट विद्यालयों में से 1200 से अधिक पदों पर प्रधानाचार्य नहीं है। 910 राजकीय हाई स्कूल विद्यालयों में से 835 विद्यालयों में हेड मास्टर नहीं है। प्रदेश के 3000 से अधिक प्रवक्ता के पद रिक्त है और 1500 से अधिक सहायक अध्यापक के पद रिक्त है। जो वरिष्ठ शिक्षक विद्यालयों में अपने विषय के पठन-पाठन लिए नियुक्त है विभाग उससे प्रधानाचार्य का अतिरिक्त कार्य लेकर अपने मूल विषय से दूर रख रहा है जिससे छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। दु:ख तो तब होता है जब राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेशव्यापी आह्नान पर सभी प्रभारी प्रधानाचार्य अपने पद और कार्य का त्याग कर देते और सरकार उस प्रभार को हमारे अनुषांगिक संगठन के लिपिक साथियों को देने का निर्देश दे देती है। लेकिन फिर भी राजकीय शिक्षक संघ की मांगो को मानने के लिए तैयार नहीं होती है। इससे तो स्पष्ट होता है कि प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग अपने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और प्रदेश के भविष्य, हमारे नौनिहालों के प्रति कितना संवेदनशील और कितना गैरजिम्मेदाराना है?