रायवाला (अंकित तिवारी):लोक कल्याण समिति द्वारा आयोजित चतुर्थ श्री रामलीला महोत्सव में आज के दिन श्रद्धालुओं ने पांच प्रमुख दृश्यों का मंचन देखा, जो रामकथा के प्रमुख घटनाक्रमों को जीवंत रूप में प्रस्तुत करते हैं। इस महोत्सव में प्रदर्शित किए गए पांच दृश्य केवट लीला,सीता व्याकुलता,सुमन्त वापसी,दशरथ मरण,भरत मिलाप थे।
रामलीला महोत्सव के मुख्य मंच उद्घोषक और लोक कल्याण समिति के प्रवक्ता विरेन्द्र नौटियाल (वीरू) ने जानकारी देते हुए बताया कि आज के दिन भगवान श्रीराम, सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास के दौरान गंगा पार करते हैं, जहाँ उनकी मुलाकात निषादराज से होती है। केवट के साथ उनके संवाद में भव्यता और भावनाओं का मिश्रण देखने को मिलता है, जिसके बाद भगवान श्रीराम के चरण धोने के बाद केवट उन्हें गंगा पार कराता है।
इस दौरान, राम के वनवास जाने और दशरथ की मृत्यु से जुड़ा दृश्य भी प्रदर्शित किया गया। दशरथ का निधन श्रीराम के वियोग में हुआ, जिससे सभी उपस्थित श्रद्धालु भावुक हो गए। इसके बाद, भरत जी का प्रवेश हुआ, जो अपने ननिहाल से लौटे और माता कैकेई से अपने पिता के निधन और राम के वनवास का कारण पूछा। इसके बाद, भरत जी ने राम को अयोध्या वापस लाने का संकल्प लिया और गुरु वशिष्ठ के साथ चित्रकूट पहुंचे, जहाँ राम और भरत के बीच भावुक मिलन हुआ।
कलाकारों का अभिनय
रामलीला के इस शानदार मंचन में श्रीराम का अभिनय सौरभ चमोली ने किया, सीता का पात्र निभाया नितीश सेमवाल ने, जबकि लक्ष्मण की भूमिका में जयंत गोस्वामी, भरत के रूप में विजय शर्मा, शत्रुघ्न के रूप में सन्नि, और दशरथ का पात्र राम सिंह ने निभाया। इस मंचन में अन्य महत्वपूर्ण पात्रों में कौशल्या (नरेन्द्र रावत), मंथरा (आयुष जोशी), सुमंत (सचिन गौड़), गुरु वशिष्ठ (भगत सिंह) और केवट (त्रिलोक सिंह) का अभिनय प्रमुख था।
अतिथियों और श्रद्धालुओं का आभार
इस अवसर पर सम्मानित अतिथियों में दिनेश कुमार शर्मा (खाद्य आपूर्ति अधिकारी, रुड़की), डॉ. राजे सिंह नेगी (अध्यक्ष, अंतर्राष्ट्रीय गढ़वाल महासभा), डॉ. सत्यनारायण शर्मा (महामंत्री, सुप्रयास कल्याण समिति), देवेंद्र सेमवाल (ग्राम प्रधान प्रतिनिधि, गौहरीमाफी) और कई अन्य स्थानीय सम्मानित गणमान्य लोग उपस्थित रहे। उन्हें लोक कल्याण समिति द्वारा राम दरबार की माला और प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
इस शानदार आयोजन में लोक कल्याण समिति के अध्यक्ष गंगाधर गौड़, उपाध्यक्ष बालेन्द्र सिंह नेगी, सचिव नरेश थपलियाल, कोषाध्यक्ष मुकेश तिवाड़ी, और अन्य समिति सदस्य भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में, सभी कलाकारों और दर्शकों ने मंचन को देखकर कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
इस रामलीला महोत्सव ने सभी को श्रीराम के जीवन और उनके आदर्शों की ओर एक बार फिर प्रेरित किया, जिससे दर्शक भावुक और अभिभूत हो उठे।









