Breakingउत्तराखंडदेश-विदेशधर्म-कर्मपर्यटनमनोरंजनयूथशिक्षासामाजिक

श्रीमद्भागवत कथा में व्यास भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने कहा- “ईर्ष्या नहीं, दूसरों की सफलता में प्रसन्नता से बढ़ेगा आत्मिक उत्थान”

डोईवाला(अंकित तिवारी): देहरादून के जौलीग्रांट क्षेत्र में भक्ति और अध्यात्म का अद्भुत संगम देखने को मिला, जब श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का भव्य आयोजन किया गया। कथा का वाचन प्रसिद्ध गौड़ीय मठ थानों के श्री परम पूज्य त्रिवेणी स्वामी भक्ति प्रसाद ने किया, जिन्होंने अपनी गहरी भक्ति और समर्पण से कथा को और भी रोमांचक और भक्तिपूर्ण बना दिया। आयोजन से पहले एक कलश यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और भगवान श्री कृष्ण की महिमा का गान करते हुए वातावरण को मंत्रमुग्ध कर दिया।

यह सात दिवसीय कथा का पहला दिन था, जब कथा व्यास श्री भक्तिप्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने अपने ओजस्वी प्रवचनों से श्रोताओं को प्रभावित किया। कथा का महात्म्य बताते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण केवल एक धार्मिक कथा नहीं, बल्कि यह साक्षात भगवान का स्वरूप है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “भागवत कथा व्यवसाय नहीं है, यह भगवान के शब्द रूप में है जो आत्मा को परम आनंद की ओर मार्गदर्शन करता है।”

महाराज जी ने कथा के माध्यम से सामाजिक सौहार्द और व्यक्तिगत आचरण पर भी महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने श्रोताओं को प्रेरित करते हुए कहा कि ईर्ष्या मनुष्य के पतन का कारण बनती है, और हमें दूसरों की सफलता से प्रसन्न होना चाहिए, क्योंकि इस संसार में किसी की सफलता से कभी किसी का नुकसान नहीं होता। इसके बजाय, दूसरों की खुशी में भागीदार बनने से हमारे आत्मिक उत्थान की राह खुलती है।

भारत भूमि के महत्व पर बात करते हुए महाराज जी ने कहा कि यह धरती सबसे श्रेष्ठ है, क्योंकि यहां भगवान का नाम लेने की पूर्ण स्वतंत्रता है। वेदों और पुराणों का संदर्भ देते हुए उन्होंने बताया कि अन्य लोकों में ऐसी स्वतंत्रता नहीं है। इसलिए हमें इस जन्म का सदुपयोग भगवान के नाम जप और कथा श्रवण में करना चाहिए।

कथा का आयोजन 2 से 9 नवंबर तक चलेगा, और इसका मुख्य उद्देश्य भक्तों को भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी महान गाथाओं और शिक्षाओं से अवगत कराना है। कथा के आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं को इस पावन अवसर पर कथा में सम्मिलित होने और श्री कृष्ण के महान कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। कथा व्यास श्री प. प. त्रिवेणी स्वामी भक्ति प्रसाद जी ने भक्तों से आग्रह किया कि वे इस समय का उपयोग अपने आत्मिक उत्थान के लिए करें और भगवान के उपदेशों से अपने जीवन को सही दिशा में प्रबंधित करें।

कथा के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए, जिन्होंने व्यास जी के मुखारविंद से कथा-प्रवाह का रसास्वादन किया। कथा का आयोजन प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से होगा और 9 नवंबर तक जारी रहेगा। 9 नवंबर को कथा का समापन एक विशेष ‘पुण्याहुति यज्ञ’ और महाप्रसाद के साथ किया जाएगा, जिससे श्रद्धालु पुण्य के भागी बनेंगे और उनके जीवन में श्री कृष्ण की कृपा का प्रसार होगा।

कथा आयोजन में राकेश जोशी, सतीश जोशी, सुशील जोशी, प्रमोद जोशी, सुधीर जोशी, अनुज जोशी, मीना जोशी, आरती सहित अन्य कई प्रमुख व्यक्ति उपस्थित रहे। कथा को सफल बनाने में नवीन जोशी, सन्दीप, हरीओम गुप्ता, सुभाष, सुधा जोशी, अखिलेश कोठारी सहित अन्य सहयोगियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button