जौलीग्रांट(अंकित तिवारी) :देहरादून के जौलीग्रांट क्षेत्र में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर श्रद्धालुओं को एक के बाद एक दिव्य कथाएँ सुनने का अवसर प्राप्त हुआ। इस दिन के विशेष आयोजन में प्रभु श्रीराम के जन्म, वामन अवतार, और भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा का वर्णन किया गया।
गौड़ीय मठ थानों के परम पूज्य त्रिदण्डी स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने श्रद्धालुओं से कहा कि भगवान श्री राम का जन्म केवल मानवता और धर्म की स्थापना के लिए हुआ था। स्वामी जी ने कहा कि श्रीराम ने अपने जीवन के प्रत्येक पहलू में सत्य, धर्म और न्याय का पालन किया, और उनका जीवन हम सभी के लिए आदर्श है। उन्होंने भक्तों को श्रीराम के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया और सत्य तथा धर्म के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
इसी क्रम में, वामन अवतार की कथा भी सुनाई गई, जिसमें भगवान विष्णु ने राजा बलि का अहंकार नष्ट करने के लिए वामन रूप में अवतार लिया और तीन पग में सम्पूर्ण पृथ्वी को नाप लिया। स्वामी जी ने वामन अवतार के माध्यम से भगवान विष्णु के लीलाओं की महिमा का बखान किया और भक्तों को यह संदेश दिया कि प्रभु की लीला अनंत और अप्रतिम होती है।
कथा के अंतिम भाग में भगवान श्री कृष्ण के जन्म की कथा सुनाई गई। स्वामी जी ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने राक्षसों का संहार किया और अपने बचपन के दिव्य प्रसंगों के द्वारा भक्तों को धर्म और भक्ति का मार्ग दिखाया।
इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिन्होंने श्रीराम, श्री कृष्ण और वामन अवतार के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में सत्य, धर्म और भक्ति को स्थान देने का संकल्प लिया। कथा के दौरान प्रमुख श्रद्धालुओं में राकेश जोशी, सतीश जोशी, सुशील जोशी, प्रमोद जोशी, सुधीर जोशी, अनुज जोशी, मीना जोशी, सुधा जोशी और अन्य कथाप्रेमी शामिल रहे।
यह आयोजन न केवल धार्मिक जागरूकता का प्रतीक बना, बल्कि भक्तों के बीच एक नया उत्साह और भक्ति की ऊर्जा का संचार करने में सफल रहा।




