जौलीग्रांट (अंकित तिवारी)– श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का समापन जौलीग्रांट क्षेत्र में अत्यधिक आध्यात्मिक और भव्य वातावरण में हुआ, जिसमें पूर्णाहुति यज्ञ और महाप्रसाद का आयोजन किया गया।यह विशेष आयोजन गौड़ीय मठ थानों के परम पूज्य त्रिदण्डी स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज के पावन वचनों से संपन्न हुआ।
इस दिव्य आयोजन में कथा व्यास स्वामी भक्ति प्रसाद त्रिविक्रम महाराज ने बताया कि, “भगवान श्री कृष्ण की भक्ति सच्ची श्रद्धा और समर्पण से ही साकार होती है। यही भक्ति जीवन के सर्वोत्तम मार्ग की ओर ले जाती है।”कृष्ण भक्ति की शक्ति और महिमा जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला सकती है। उन्होंने भक्तों को आह्वान किया कि वे अपनी आत्मा की शुद्धि के लिए निरंतर भगवान के नाम का जप करें और जीवन को परमात्मा की दिशा में समर्पित करें।
श्रद्धालुओं ने बताया कि यह आयोजन क्षेत्र के लिए एक यादगार धार्मिक आयोजन बन गया है, जिसने सभी उपस्थित भक्तों को आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में एक कदम और बढ़ने की प्रेरणा दी।
इस धार्मिक आयोजन में श्रद्धालु भक्तों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, और उनका मन कृष्ण भक्ति में पूरी तरह रमा हुआ था। आयोजन के दौरान भगवान श्री कृष्ण के पावन नामों का जाप और भजन संकीर्तन से वातावरण गूंज उठा।
इस भव्य आयोजन में क्षेत्रीय श्रद्धालुओं ने अपनी आस्था और श्रद्धा के साथ भाग लिया। आयोजन में शामिल प्रमुख श्रद्धालुओं में राकेश जोशी, सतीश जोशी, सुशील जोशी, प्रमोद जोशी, सुधीर जोशी, अनुज जोशी, मीना जोशी और सुधा जोशी सहित अन्य कथा प्रेमी उपस्थित थे।




