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भारतीय संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज नहीं, यह भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है : डॉ. आर. सी. भट्ट

कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी):  डॉ. शिवानन्द नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग में संविधान दिवस का आयोजन बड़े ही उत्साहपूर्ण एवं गरिमामय माहौल में किया गया। इस कार्यक्रम का सफल आयोजन राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक वाचन से हुई, जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं एवं अतिथियों ने राष्ट्रीय चेतना और सम्मान के साथ सहभागिता की। सभी उपस्थितों ने संविधान के मूल्यों और उद्देश्यों के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ. आर. सी. भट्ट ने संविधान निर्माण प्रक्रिया, संविधान सभा की भूमिका और डॉ. भीमराव अम्बेडकर के योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान केवल एक विधिक दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है। डॉ. भट्ट ने विद्यार्थियों से संविधान में निहित मौलिक कर्तव्यों का पालन करने की अपील की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. कविता पाठक ने भारतीय संविधान की विशिष्टताओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने विशेष रूप से संविधान की धर्मनिरपेक्षता, समानता और सामाजिक न्याय पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि संविधान न केवल अधिकारों का, बल्कि जिम्मेदारियों का भी पाठ पढ़ाता है।

महाविद्यालय के अन्य प्राध्यापकों ने भी संविधान पर अपने विचार साझा किए। डॉ. मदन लाल शर्मा ने संविधान को सामाजिक परिवर्तन का शक्तिशाली माध्यम बताया और कहा कि समय-समय पर किए गए संविधान संशोधन इसे और भी प्रगतिशील बनाते हैं। डॉ. हरीश रतूड़ी ने लोकतंत्र की मजबूती में नागरिकों की सहभागिता की भूमिका पर जोर दिया, जबकि डॉ. वी. आर. अंथवाल ने संविधान को वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानवाधिकारों और आधुनिक भारत की आधारशिला के रूप में बताया।

डॉ. दिशा शर्मा ने संविधान की प्रस्तावना में समाहित मूल्यों को मानव जीवन का मार्गदर्शक बताया और इसे केवल अध्ययन का विषय न मानते हुए जीवन में उतारने योग्य ध्येय के रूप में प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें सलोनी, अमीषा, दिया और पल्लवी ने संविधान की प्रासंगिकता, लोकतंत्र, नागरिक अधिकारों और न्यायिक व्यवस्था पर प्रभावशाली वक्तव्य प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर अज़ीम प्रेमजी फाउंडेशन के नवीन नेगी और अब्दुर्र रहमान द्वारा संविधान आधारित एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया। प्रदर्शनी के माध्यम से विद्यार्थियों को संविधान की संरचना और प्रक्रिया से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हुई।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. कीर्तिराम डंगवाल ने किया, और कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकगण, छात्र-छात्राएँ और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

संविधान दिवस का यह आयोजन विद्यार्थियों में संवैधानिक चेतना, लोकतांत्रिक मूल्यों और राष्ट्र एकता की भावना को सुदृढ़ करने में अत्यंत महत्वपूर्ण और सफल साबित हुआ।

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