देहरादून(अंकित तिवारी): आकाशवाणी के 90 वर्षों के सफर को याद करते हुए करूला मुरादाबाद निवासी नियमित श्रोता अयूब खान और सिंधौली बरेली निवासी जीशान वारसी को आकाशवाणी देहरादून केंद्र द्वारा सम्मानित किया गया।श्रोताओं ने आकाशवाणी देहरादून को सम्मानित किया।आकाशवाणी के प्रति श्रोताओं का लगाव मुरादाबाद और बरेली के श्रोताओं को खींच लाया आकाशवाणी देहरादून।
इस विशेष अवसर पर कार्यक्रम निदेशक मंजुला नेगी ने श्रोताओं को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए आकाशवाणी के नब्बे वर्षों के शानदार सफर और श्रोताओं के साथ जुड़ाव को याद किया।
अयूब खान, जिन्होंने आकाशवाणी देहरादून के सभी कार्यक्रम नियमित रूप से सुने हैं, ने कहा कि आकाशवाणी उनके दिल में धड़कता है। वही, जीशान वारसी ने आकाशवाणी की प्रशंसा करते हुए कहा कि आकाशवाणी देहरादून ने बहुत कम समय में श्रोताओं के दिलों में अपनी विशेष जगह बनाई है। उनका कहना था कि कार्यक्रम ‘नमस्कार देहरादून’ सभी श्रोताओं के बीच सबसे उत्कृष्ट कार्यक्रम माना जाता है और आकाशवाणी के सभी कार्यक्रम न केवल मनोरंजन प्रदान करते हैं, बल्कि सूचना और उच्च स्तरीय ज्ञान भी प्रदान करते हैं।
कार्यक्रम निदेशक मंजुला नेगी ने इस मौके पर कहा कि श्रोता और आकाशवाणी एक दूसरे के पूरक हैं। श्रोताओं का स्नेह और आकाशवाणी का योगदान दोनों एक दूसरे को मजबूत बनाते हैं।
आकाशवाणी देहरादून केंद्र की टीम के उद्घोषकों को श्रोताओं ने भी इस अवसर पर गोल्डन माइक और स्मृति चिन्ह प्रदान किए । इस सम्मान समारोह में वरिष्ठ उद्घोषक विनय ध्यानी, वरिष्ठ उद्घोषिका कल्पना पंकज, और उद्घोषक भारती आनंद, पुष्पा पुंडीर, संगीता सेमवाल, सुहासिनी गोनियाल, माधुरी दानू, हेमलता नैथानी, सुषमा जोशी, प्रियंका जैना और आशना नेगी कंडियाल को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम की विशेष आकर्षण इस बात में रही कि उद्घोषिका एवं लेखिका भारती आनंद ने दोनों सम्मानित श्रोताओं अयूब खान और जीशान वारसी को अपना पहला काव्य संग्रह ‘कहे अनकहे रंग जीवन के’ भेंट किया, जो श्रोताओं के साथ उनके जुड़े हुए अनुभवों को और भी दिलचस्प बना गया।
इस सम्मान समारोह ने आकाशवाणी देहरादून के महत्व को और बढ़ा दिया, और श्रोताओं के प्रति आभार और उनकी भागीदारी को रेखांकित किया।




