टिहरी//गढ़वाल
पुनरुत्थान रूरल डेवलपमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी, मशरूम उत्पादन विशेषज्ञ अर्जुन सिंह दवाण तथा समाजसेवी एवं जिला पंचायत प्रतिनिधि गजेन्द्र राणा के सहयोग से ग्राम मिंडाथ, पट्टी दोगी में निःशुल्क ऑयस्टर मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।
संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि इसी प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में पूरे क्षेत्र की विभिन्न ग्राम सभाओं में आयोजित किए जाएंगे, ताकि आने वाले समय में हर गाँव में मशरूम उत्पादन का विस्तार किया जा सके। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण युवाओं, महिलाओं और बच्चों को आधुनिक कृषि तकनीकों से जोड़ते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाना तथा स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करना था।
प्रशिक्षण के दौरान अर्जुन सिंह दवाण ने प्रतिभागियों को मशरूम उत्पादन की संपूर्ण प्रक्रिया—गुणवत्तापूर्ण बीज चयन, बैग एवं सब्सट्रेट तैयारी, तापमान व आर्द्रता का प्रबंधन, उत्पादन तकनीक, पैदावार बढ़ाने के उपाय तथा बाज़ार में बिक्री व विपणन की रणनीतियों—के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों को आश्वस्त किया *कि यदि कोई परिवार मशरूम उत्पादन प्रारंभ करता है, तो संस्था उनकी हरसंभव सहायता करेगी, ताकि उनका उत्पाद* आसानी से बाज़ार में बिक सके। साथ ही उन्होंने कहा कि “जिस *किसी ग्राम सभा या समूह को आवश्यकता होगी, हम गाँव–गाँव जाकर भी प्रशिक्षण देने के लिए सदैव तत्पर और उपलब्ध हैं।”
कार्यक्रम में ग्रामीण महिलाएँ, युवा और बच्चे उत्साहपूर्वक शामिल हुए। स्वरोजगार की इस सामुदायिक पहल ने लोगों में विशेष रुचि पैदा की। आयोजकों ने बताया कि *बच्चों की सक्रिय सहभागिता से उनमें नई तकनीकों को सीखने की उत्सुकता बढ़ी है, जिससे भविष्य में कृषि-आधारित स्टार्टअप एवं स्वरोजगार की संभावनाएँ मजबूत होंगी।* ग्राम सभा मिंडाथ, बोरगांव, पूर्वला और बड़ीर के ग्रामीणों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
*कार्यक्रम में समाजसेवी एवं जिला पंचायत प्रतिनिधि श्री गजेन्द्र राणा भी उपस्थित रहे।* उन्होंने कहा कि “ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम निरंतर आयोजित होने चाहिए, ताकि आने वाले समय में प्रत्येक व्यक्ति स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सके। भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियाँ पूरे क्षेत्र में आयोजित की जाएँगी और हर गाँव को आत्मनिर्भर व स्वरोजगार की ओर अग्रसर किया जाएगा।”
इसके अलावा नीलम राणा (ग्राम प्रधान—पूर्वला), विवेक राणा, गुगरी देवी, कंचन देवी, रीना देवी, भगवती देवी, सकंबरी देवी एवं शारदा देवी सहित अनेक ग्रामीणों ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज की। ग्राम प्रधान नीलम राणा ने कहा कि आने वाले समय में वे अपने गाँव में भी ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित करने का प्रयास करेंगी।
सभी उपस्थित लोगों ने मशरूम उत्पादन को स्थानीय स्तर पर आजीविका का एक सशक्त एवं लाभकारी विकल्प बताते हुए इस प्रशिक्षण पहल की सराहना की। ग्रामीणों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से स्थानीय रोजगार सृजन बढ़ता है तथा किसानों को आधुनिक खेती की ओर प्रेरणा मिलती है।
पुनरुत्थान रूरल डेवलपमेंट एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के सदस्यों ने बताया कि आने वाले समय में भी इसी प्रकार के प्रशिक्षण एवं कौशल विकास कार्यक्रम विभिन्न ग्राम सभाओं में आयोजित किए जाते रहेंगे, ताकि अधिक से अधिक परिवार इनका लाभ उठा सकें।
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*कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य*
– ग्रामीण आजीविका का सशक्तिकरण
– युवाओं व महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रेरित करना
– आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार
– स्वनिर्भरता, स्वराज और सामुदायिक विकास को बढ़ावा देना।





