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युवाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए “युवा जोश” पहल

नशा मुक्ति और आत्मविश्वास की दिशा में अभूतपूर्व कदम

ऋषिकेश(अंकित तिवारी): समाज में युवाओं की बढ़ती चिंताओं और कॅरियर से जुड़ी दुविधाओं के बीच एम्स, ऋषिकेश के अपर आचार्य डॉ. संतोष कुमार द्वारा शुरु की गई “युवा जोश – Youth Upliftment Journey Towards Optimism, Strength and Harmony” पहल ने युवाओं में आत्मविश्वास, सफलता, मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति को लेकर सकारात्मक बदलाव की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए हैं।

आज के प्रतिस्पर्धी समय में युवाओं के ऊपर शिक्षा, कॅरियर और सामाजिक अपेक्षाओं का भारी दबाव है, जो उन्हें मानसिक तनाव, नशे की आदतों और विभिन्न मानसिक विकारों की ओर धकेल रहा है। इन समस्याओं का समाधान करने और युवाओं को सही दिशा में मार्गदर्शन देने के लिए 2018 में डॉ. संतोष कुमार ने “युवा जोश” कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जो अब देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में लगातार चल रहा है।

कार्यक्रम के तहत युवाओं को उनके रुचियों के अनुसार कॅरियर चुनने, आत्मविश्वास बढ़ाने, भावनात्मक संतुलन बनाए रखने और जीवन में सफलता की दिशा में प्रेरित किया जाता है। डॉ. संतोष कुमार का मानना है कि आज के युवाओं को केवल अकादमिक ज्ञान नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता, स्वस्थ जीवनशैली और आत्मविश्वास की भी आवश्यकता है, ताकि वे जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें।

“युवा जोश” कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल कॅरियर फोकस और लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में काम करना है, बल्कि युवाओं को आत्मविश्वास, रिश्तों में सामंजस्य, तनाव प्रबंधन और नशा मुक्ति के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इसके माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं ताकि वे समाज के जिम्मेदार नागरिक बन सकें और राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभा सकें।

इस पहल के तहत अब तक लगभग 5000 से अधिक युवाओं को शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के प्रयास किए गए हैं। इन कार्यक्रमों में एम्स, ऋषिकेश के सोशल आउटरीच सेल के अंतर्गत विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में सफलता पूर्वक आयोजित किए गए हैं, जिसमें IIT रुड़की, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी, काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय वाराणसी, महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी जयपुर, और अन्य प्रमुख संस्थान शामिल हैं।

इन कार्यक्रमों से युवाओं को न केवल कॅरियर में सफलता पाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें वित्तीय जागरूकता, निवेश के सिद्धांत और आर्थिक स्वतंत्रता के महत्व से भी अवगत कराया जा रहा है। इस पहल ने युवाओं में आत्मविश्वास, संगठन क्षमता और लक्ष्य-उन्मुखता को बढ़ावा दिया है, साथ ही उन्हें अपनी भावनाओं को सकारात्मक दिशा में नियंत्रित करने की कला भी सिखाई है।

डॉ. संतोष कुमार की यह पहल एक मिसाल बन चुकी है, जो युवाओं को उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के साथ-साथ नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रही है। यह पहल अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन चुकी है, जो युवाओं को जागरूक, जिम्मेदार और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है।

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