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“राज्यपाल ने हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस को उत्तराखंड के लिए वरदान बताया”

ऋषिकेश(अंकित तिवारी): आधुनिक चिकित्सा सेवा में उत्कृष्टता का प्रतीक बने एम्स ऋषिकेश ने बुधवार से तीन दिवसीय हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यपाल ले. जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने किया, जिन्होंने एम्स ऋषिकेश की हेली एम्बुलेंस सेवा और ट्रॉमा चिकित्सा को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण बदलाव बताया।

फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन तथा एयरबस फाउंडेशन के सहयोग से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की आज से शुरुआत हुई है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, तकनीशियनों और पायलटों को उच्च स्तरीय आपातकालीन चिकित्सा प्रक्रियाओं का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। राज्यपाल ने इसे उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य के लिए “जीवनरक्षक पहल” और “एक नई आशा” बताया। राज्यपाल ने कहा कि किसी भी आपदा या दुर्घटना के पश्चात् ‘गोल्डन आवर’ में चिकित्सा सहायता मिलना जीवन बचाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क मार्ग बाधित होने, भूस्खलन और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण उपचार में कठिनाई रहती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हेलीकॉप्टर मेडिकल सर्विस उत्तराखण्ड के लिए एक वरदान सिद्ध होगी। राज्यपाल ने कहा कि हेलीकॉप्टर में उपचार देना अत्यधिक जटिल कार्य है, जिसके लिए विशेष दक्षता और त्वरित निर्णय क्षमता की आवश्यकता होती है। यह प्रशिक्षित दल भविष्य में अनगिनत जिंदगियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन तथा एयरबस फाउंडेशन द्वारा भारत के साथ किए गए सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह ज्ञान-साझेदारी भारत के स्वास्थ्य तंत्र को और मजबूत बनाएगी तथा डॉक्टरों और छात्रों को वैश्विक मानकों का अनुभव प्रदान करेगी। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य सेवाओं की भौगोलिक चुनौतियों को देखते हुए एआई आधारित निदान, ड्रोन के माध्यम से दवाओं का परिवहन, टेलीमेडिसिन तथा हेली एंबुलेंस जैसी नवाचार-आधारित सेवाएं भविष्य में स्वास्थ्य तंत्र को और मजबूत करेंगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सेवा न केवल उत्तराखण्ड बल्कि पूरे देश के लिए आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगी। उन्होंने एम्स ऋषिकेश द्वारा ‘प्रोजेक्ट संजीवनी’ के अंतर्गत निःशुल्क हेलीकॉप्टर इमरजेंसी मेडिकल सर्विस शुरू करने को “मानवता की सच्ची सेवा” कहा। उन्होंने केंद्र सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय तथा उत्तराखण्ड सरकार के समन्वित सहयोग की सराहना की।

राज्यपाल ने उद्घाटन समारोह के दौरान कहा, “एम्स ऋषिकेश ने स्वास्थ्य क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं। खासकर हेली एम्बुलेंस और ट्रॉमा चिकित्सा सेवाओं ने राज्य के लिए एक वरदान का काम किया है। यहां की सेवाएं न केवल उत्तराखंड, बल्कि समूचे देश के लिए एक मॉडल हैं।”

यह कार्यक्रम एम्स ऋषिकेश के हेली एम्बुलेंस मेडिकल सेवा टीम को और अधिक प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन (एफएएम), एयरबस फाउंडेशन और एम्स ऋषिकेश के संयुक्त प्रयासों से चलाया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से भारत की प्रथम हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस सेवा (HEMS) टीम को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उन्नत चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन में राज्यपाल ने कहा, “यह आयोजन स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एम्स ऋषिकेश ने चिकित्सा नवाचार और उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित किए हैं।” उन्होंने अस्पताल के विभिन्न कर्मचारियों, जैसे नर्सिंग अधिकारियों, मोर्चरी स्टाफ और सफाई कर्मियों के योगदान की भी सराहना की, जो दिन-रात मेहनत करके अस्पताल सेवाओं में अहम भूमिका निभाते हैं।

 

एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने भी इस अवसर पर कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य के दूरदराज़ और पहाड़ी क्षेत्रों में त्वरित और सुरक्षित चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने में सहायक साबित होगा। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य हर मरीज को समय पर जीवनरक्षक उपचार प्रदान करना है, और यह प्रशिक्षण कार्यक्रम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

इस मौके पर डा. मधुर उनियाल, हेली एम्बुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी और ट्रॉमा सर्जन ने एम्स के ट्रॉमा विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि पिछले मानसून में उत्तरकाशी और चमोली जिलों में आयी आपदाओं के दौरान हेली एम्बुलेंस सेवा ने कितनी जानें बचाई।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में फ्रांस से आए अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ डॉ. क्रिस्तोफ बोंबेर्ट (आपातकालीन फ्लाइंग डॉक्टर), डॉ. एर्वे कोआडू (प्रमुख, हेली एम्बुलेंस मेडिकल सर्विस, हेम्स बेस), राल्फ सेत्ज (पायलट और हेम्स एविएशन विशेषज्ञ), अलीन बोनो (हेम्स नर्स विशेषज्ञ) और डॉ. रिचार्ड विले (पूर्व महासचिव, फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन) ने प्रशिक्षण दिया।

कार्यक्रम के अंत में, राज्यपाल ने ट्रॉमा सेंटर से सफलतापूर्वक स्वस्थ होकर लौटे सर्वाइवर डा. राकेश नौटियाल, अजय रावत (एनाटॉमी विभाग), सूबेदार राजमोहन तिवारी (एम्स आर्मी बैन्ड टीम) और संजय कुमार (हाउसकीपिंग स्टाफ) को विशेष सम्मान प्रदान किया।

इस कार्यक्रम के माध्यम से एम्स ऋषिकेश ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो न केवल उत्तराखंड, बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नया मानक स्थापित करेगा।

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