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कर्णप्रयाग महाविद्यालय में इतिहास विभाग की परिषद का गठन, छात्रों ने शैक्षिक प्रतियोगिताओं में दिखाया जोश

कर्णप्रयाग(अंकित तिवारी) : डॉ. शिवानन्द नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग के इतिहास विभाग में विभागीय परिषद का विधिवत गठन और शैक्षिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार श्रृंखला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम उत्साहपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपनी प्रतिभा का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम के दौरान विभागीय परिषद का गठन किया गया, जिसमें सृष्टि को अध्यक्ष, दिव्या को उपाध्यक्ष, निक्की को सचिव, पायल को सह-सचिव और नरेन्द्र को कोषाध्यक्ष मनोनीत किया गया। परिषद गठन के पश्चात, एक दिवसीय शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने अभूतपूर्व उत्साह और ऊर्जा के साथ सहभागिता की।

मुख्य आकर्षण रही “भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में महात्मा गांधी का योगदान” विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने गांधीजी के सिद्धांतों, सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और उनके राष्ट्रीय नेतृत्व पर विचार व्यक्त किए। श्रेष्ठ अभिव्यक्ति और विषय पर गहरी समझ के आधार पर सुनील ने प्रथम, निक्की ने द्वितीय और नेहा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

इसके अलावा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। एकल लोकगीत प्रतियोगिता में निकीता ने प्रथम, सविता ने द्वितीय और सृष्टि ने तृतीय स्थान हासिल किया। एकल लोकनृत्य प्रतियोगिता में रिया ने प्रथम, पूनम ने द्वितीय और पल्लवी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

“ऐतिहासिक धरोहर” विषय पर आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता में सृष्टि ने प्रथम, प्रिया ने द्वितीय और सृष्टि अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य, डॉ. अखिलेश कुकरेती ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में बौद्धिक क्षमता, संगठन कौशल और आत्म-विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वहीं इतिहास विभाग की प्राध्यापिका, डॉ. पूनम ने विद्यार्थियों की प्रतिभा और सृजनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में सकारात्मक प्रतिस्पर्धा और आत्मविश्वास को भी प्रबल करते हैं।

कार्यक्रम का संचालन एम.ए. तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं निकीता, सृष्टि और सृष्टि अग्रवाल ने मिलकर किया। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापकगण डॉ. कविता पाठक, डॉ. चंद्रावती टम्टा, डॉ. मदन शर्मा और डॉ. कीर्तिराम डंगवाल के साथ-साथ विभाग के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

कार्यक्रम के अंत में विभागाध्यक्ष ने सभी विजेताओं को शुभकामनाएँ दी और भविष्य में इस तरह के उपयोगी और प्रेरणादायक कार्यक्रमों के आयोजन की घोषणा की, जो विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होंगे।

यह आयोजन न केवल इतिहास विभाग की बौद्धिक गतिविधियों को बढ़ावा देता है, बल्कि विद्यार्थियों में नेतृत्व क्षमता, समाज के प्रति जागरूकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता को भी प्रोत्साहित करता है।

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