ऋषिकेश(अंकित तिवारी): एम्स ऋषिकेश में आयोजित तीन दिवसीय हेलीबोर्न इमरजेन्सी मेडिसिन ट्रेनिंग कार्यक्रम का शुक्रवार को शानदार समापन हुआ। इस प्रशिक्षण में हेली इमरजेन्सी मेडिकल सर्विस टीम के सदस्यों को फ्रांस से आए विशेषज्ञों ने अत्याधुनिक तकनीकी और चिकित्सीय दृष्टिकोण से प्रशिक्षित किया। समापन के अवसर पर एम्स की कार्यकारी निदेशक, प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले 60 प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए।
इस विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हेली इमरजेन्सी मेडिकल सेवा की टीम को आपातकालीन परिस्थितियों में उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित करना था। तीन दिनों तक चले इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को हेली एम्बुलेंस द्वारा चिकित्सा सेवाओं का प्रबंधन, रोगी की सुरक्षा, आपसी संचार, आवश्यक जीवन रक्षक दवाइयाँ, और आपातकालीन स्थिति में आवश्यक सावधानियाँ सिखाई गईं।
प्रोफेसर मीनू सिंह ने इस अवसर पर कहा, “इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से हमारी एयरो मेडिकल सेवाओं को मजबूती मिलेगी और हम आपात स्थिति में पीड़ितों का बेहतर इलाज कर सकेंगे।” उन्होंने चिकित्सा और एविएशन क्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
इस कार्यक्रम में फ्रेंच एकेडमी ऑफ मेडिसिन (एफएएम), एयरबस फाउंडेशन और एम्स ऋषिकेश ने संयुक्त रूप से सहयोग किया था। कार्यक्रम में भाग लेने वालों में 36 नर्सिंग कैडर के सदस्यों के साथ-साथ अन्य चिकित्सक भी शामिल थे।
कार्यक्रम के समापन के बाद, हेलीबोर्न इमरजेन्सी मेडिसिन सेवा के नोडल ऑफिसर डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि इस प्रशिक्षण से टीम को हेम्स के कार्य में आने वाली चुनौतियों को समझने का अवसर मिला है। उन्होंने बताया कि हेलीबोर्न मेडिकल सेवा के इस प्रशिक्षण में भाग लेकर टीम को वास्तविक आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त हुआ है।
इस दौरान, एयरबस द्वारा दो हेलीकाॅप्टर संस्थान को उपलब्ध कराए गए थे, जिनमें प्रतिभागियों को डेमोस्टेशन के माध्यम से तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में शामिल विशेषज्ञों ने हेलीबोर्न चिकित्सा सेवा में काम करने के लिए आवश्यक सभी पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी।
इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य प्रमुख लोगों में डॉ. भास्कर सरकार, डॉ. रूबी कटारिया, डॉ. प्रेम कुमार, और कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रिंसिपल प्रो. स्मृति अरोड़ा, सीएनओ डॉ. अनिता रानी कंसल सहित अन्य विभागीय चिकित्सक और नर्सिंग अधिकारी शामिल थे।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल चिकित्सा पेशेवरों के लिए बल्कि आपातकालीन सेवाओं की बेहतर तैयारी के लिए भी महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





