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कर्णप्रयाग में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता पर वैश्विक चर्चा

कर्णप्रयाग (अंकित तिवारी)— डॉ. शिवानंद नौटियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, कर्णप्रयाग में शनिवार को “एजुकेशन, एम्प्लॉयमेंट, एंटरप्रेन्योरशिप एंड इकोनॉमिक डेवलपमेंट: पाथवेज टू ग्लोबल प्रॉस्पेरिटी” विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ वर्चुअल मोड के माध्यम से किया गया। इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से 100 से अधिक प्राध्यापकों, शोधार्थियों और कीनोट स्पीकर्स ने ऑनलाइन भाग लिया।

कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. राम अवतार सिंह ने की। उन्होंने इस अवसर पर कहा, “इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस शोधार्थियों को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करती हैं और उन्हें नए विचारों, शोध पद्धतियों तथा नवाचारों से परिचित कराती हैं।” उन्होंने महाविद्यालय के निरंतर शैक्षणिक उत्कृष्टता तथा शोध संस्कृति को सुदृढ़ करने की दिशा में किए गए प्रयासों को भी उजागर किया।

उद्घाटन समारोह में निदेशक उच्च शिक्षा (उत्तराखंड) प्रो. वी एन खाली ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने इस आयोजन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कॉन्फ्रेंस युवाओं को नवाचार और आर्थिक विकास के क्षेत्र में प्रेरित करेगी।

कीनोट स्पीच देने वाले प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे:

  • प्रो. एस. के. श्रीवास्तव (पूर्व विभागाध्यक्ष एवं डीन, एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय)
  • प्रो. प्रमोद कुमार (कुलपति, अभ्युदय विश्वविद्यालय, खरगाँव)
  • प्रो. रानिया लैम्पू (ग्रीस)
  • प्रो. राजेंद्र कुमार (दिल्ली विश्वविद्यालय)
  • प्रो. प्रीति रानी (राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कोटद्वार)

इन सभी वक्ताओं ने शिक्षा, रोजगार और उद्यमिता के बदलते वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार साझा किए और नवाचार के माध्यम से युवाओं को समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया।

कॉन्फ्रेंस का संयोजन डॉ. रविंद्र कुमार द्वारा किया गया था, जबकि सह संयोजक सुश्री हिना नौटियाल और श्री तरुण कुमार आर्य ने भी अहम भूमिका निभाई। आयोजन सचिव डॉ. हरीश चंद्र रतूड़ी ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों और अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

कॉन्फ्रेंस का पहला दिन तकनीकी सत्र के साथ संपन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रो. प्रीति रानी ने की। इस सत्र में विभिन्न शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सह-संयोजक सुश्री हिना नौटियाल ने इस सत्र के संचालन में विशेष योगदान दिया। शोधार्थियों ने इसे अत्यंत उपयोगी और ज्ञानवर्धक बताया।

कॉन्फ्रेंस का समापन दूसरे दिवस के तकनीकी सत्रों और वैलेडिक्टरी सेशन के साथ किया जाएगा, जिसमें शिक्षा और उद्यमिता आधारित वैश्विक समृद्धि के नए आयामों पर विस्तृत चर्चा होगी।

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