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रानीखेत में दिव्यांगजन और वंचित वर्ग के लिए यूओयू की जागरूकता कार्यशाला

रानीखेत(अंकित तिवारी): उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने  राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रानीखेत में एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य दिव्यांगजन और वंचित वर्ग को उच्च शिक्षा के प्रति जागरूक करना था। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय केंद्र के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसमें ताड़ीखेत ब्लॉक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और ग्राम प्रधानों ने प्रतिभाग किया।

कार्यशाला का उद्घाटन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर नवीन चंद्र लोहनी जी ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को यह महत्वपूर्ण शोध विषय सौंपा गया है, और इसके तहत दिव्यांगजन और वंचित वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से इस पहल में सहयोग की अपेक्षा की और बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में इन वर्गों के लोगों को नामांकित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “समाज के वंचित वर्ग को कई बार उच्च शिक्षा के अवसर नहीं मिल पाते, लेकिन उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय उनके लिए एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि वे अपनी नौकरी के साथ शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।”

कार्यक्रम में निदेशक, क्षेत्रीय सेवाएं प्रोफेसर गिरिजा पांडे ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का मुख्य उद्देश्य यह है कि दिव्यांगजन और वंचित वर्ग अपने शिक्षा को पूर्ण कर समाज की मुख्य धारा का हिस्सा बन सके। उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा को लोकतांत्रिक बनाने का काम कर रहा है, ताकि सभी वर्गों को इसका लाभ मिल सके।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. खेमराज भट्ट ने भी संबोधन दिया और बताया कि विश्वविद्यालय का हमेशा यही प्रयास रहा है कि दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को उच्च शिक्षा से जोड़ा जाए। उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष विश्वविद्यालय में सर्वाधिक नामांकन हुए हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि लोगों का विश्वविद्यालय पर विश्वास बढ़ रहा है।

कार्यशाला में विशेष शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम समंवयक सिद्धार्थ पोखरियाल ने शोध की उपयोगिता और उसके विषय में जानकारी दी। विशेष शिक्षा विभाग की सहायक प्राध्यापक सुश्री अंकित सिंह ने दिव्यांगताओं के कारण, प्रकार और उनके पुनर्वास व सशक्तिकरण के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दिव्यांगजन के लिए शिक्षा प्राप्ति की प्रक्रिया और उनके जीवन में इसके महत्व को समझाया।

कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय की रानीखेत की सहायक क्षेत्रीय निदेशक श्रीमती रुचि आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन से किया। इस अवसर पर रानीखेत डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. पुष्पेंद्र पांडे, रानीखेत क्षेत्रीय निदेशक डॉ. जे एस रावत, अध्ययन केंद्र समन्वयक डॉ. पंकज प्रियदर्शी, उमाशंकर समेत विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थीं।

यह कार्यशाला उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो दिव्यांगजन और वंचित वर्ग के लिए उच्च शिक्षा के द्वार खोलने का कार्य कर रही है।

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