देहरादून (अंकित तिवारी): राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी, महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी, यमकेश्वर और राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल के संयुक्त तत्वावधान में “विकसित भारत @ 2047: एक संकल्प भारतीय इतिहास, संस्कृति, राजनीति, समाज, ज्ञान व विज्ञान के संदर्भ में” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में हाइब्रिड मोड में विविध विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय महाविद्यालय बिथ्याणी, राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी और राजकीय महाविद्यालय वेदीखाल के प्राचार्यों – प्रोफेसर योगेश कुमार शर्मा, प्रोफेसर अर्चना गौतम और प्रोफेसर वंदना तिवारी द्वारा मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। इसके बाद मुख्य अतिथि माननीय कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, निदेशक उच्च शिक्षा उत्तराखंड प्रोफेसर विश्वनाथ खाली, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा प्रोफेसर आनंद सिंह उनियाल और विशिष्ट अतिथि डॉ. शैलेंद्र का स्वागत किया गया।
पहले दिन के पहले सत्र में राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक और इतिहास विभाग के डॉ. उमेश त्यागी ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और सभी अतिथियों का परिचय कराया। इस सत्र में प्रमुख वक्ताओं के रूप में राष्ट्रीय संगठन सचिव अखिल भारतीय इतिहास डॉ. बालमुकुंद पांडे, प्रोफेसर विवेक महेश्वरी, कुलपति लकुलिश विश्वविद्यालय अहमदाबाद, डॉ. मोहन चंद आर्य, डॉ. नरेंद्र सिंह, डॉ. परमजीत कौर और अन्य ने भारतीय ग्राम ज्ञान परंपरा पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
दूसरे सत्र में प्रोफेसर विघ्नेश कुमार, प्रोफेसर ज्ञानोबा ढगे, डॉ. श्वेता कौशल, डॉ. सुशील भाटी और डॉ. नागेंद्र पाल ने भारतीय इतिहास और समाज की विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए। इस सत्र में कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. कुलदीप चौधरी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
तृतीय सत्र में प्रोफेसर संगीता मिश्रा, प्रोफेसर सुनील, डॉ. सीमा त्यागी, डॉ. नीरज कुमार पाराशरी और डॉ. जगदीश कुमार ने भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प पर विचार व्यक्त किए और भारतीय ज्ञान परंपरा के महत्व पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही विभिन्न शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें भारतीय ज्ञान, संस्कृति और प्राचीन गौरव को पुनः स्थापित करने के दृष्टिकोण पर चर्चा की गई।
समारोह के समापन पर आयोजन सचिव डॉ. अनुपम त्यागी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर राजकीय मॉडल महाविद्यालय मीठीबेरी की प्राचार्य प्रोफेसर अर्चना गौतम, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अरविंद वर्मा, डॉ. देशराज सिंह, डॉ. सुमन पांडे और छात्र-छात्राओं ने सहभागिता की।
संगोष्ठी ने भारतीय इतिहास, संस्कृति और समाज को सशक्त बनाने के लिए विचार विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया और यह आयोजन 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।





