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माटी के लाल बलबीर सिंह मनवाल

माटी के लाल : बलवीर सिंह मनवाल
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आज आपकी मुलाकात कराते हैं सादा जीवन और उच्च विचार रखने वाले कुड़ियाल, थानो निवासी “श्री बलवीर सिंह मनवाल जी” से।
आप हर भूमिका को बखूबी निभाते हैं। लंबे समय तक आप इंटर कॉलेज बालावाला में अंग्रेजी के प्रवक्ता पद पर रहे। 8 वर्षों तक आपने ग्राम प्रधान की सक्रिय भूमिका निभाई। पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी आपका बहुत योगदान रहा है। 1986 / 87 के दरमियान “सिंस्यारूखाला” खान को बंद कराने में आप भी सक्रिय रहे। उस समय पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा जी ने आपको लखनऊ क्षेत्र के विधायक जी के पास भेजा था कि इस खनन को बंद करने के लिए विधानसभा में प्रश्न उठाया जाए। आपने बखूबी अपने दायित्व का निर्वहन किया। आपने बताया कि उस समय श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी, धूम सिंह नेगी जी, विजय जड़धारी जी, कुंवर प्रसून जी, घनश्याम सैलानी जी जैसे पर्यावरण विदों का हमें साथ मिला। स्थानीय निवासियों का भी मनवाल जी बताते हैं कि हमें उस समय साथ मिला था जिस कारण कि हम अपने उद्देश्य में सफल हो सके। उन्होंने बताया कि रामनगर डांडा, थानो निवासी श्री रमेश कुकरेती जी, युवक मंगल दल नाहीं के अध्यक्ष भूपाल सिंह कृषाली जी, महिला मंगल दल नाहीं की अध्यक्ष श्रीमती इतवारी देवी जी, श्रीमती चमन देई सहित स्थानीय जनता के सहयोग से हम उस जमाने में खनन माफिया को गांव से बाहर कर सके थे। उस आंदोलन में 7 / 8 महीने का समय लगा था।
जनपद देहरादून के दूर-दराज के गांव बड़कोट में आपका जन्म हुआ और आपने कठिन परिस्थितियों में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आज आपकी आयु 74 वर्ष है लेकिन आप आज भी एक अच्छे कृषक के रूप में सतत कृषि कार्य में लगे रहते हैं। सामाजिक आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। और सबसे बड़ी बात कि आप सरलता से उपलब्ध हो जाते हैं। आपकी एक और विशेषता है कि आसपास के क्षेत्र ही नहीं बल्कि दूर-दराज के लोग भी आपको अपने भूमि संबंधी कार्यों के समाधान और नाप – जोख के लिए आपका सहयोग प्राप्त करते हैं। इस प्रकार से आप समाज के हर वर्ग से घुलते – मिलते रहते हैं।
श्री मनवाल जी एक कुशल वक्ता, सामाजिक चिंतक, अच्छे कृषक, पर्यावरण प्रेमी, भूमि संबंधी नाप – जोख के जानकार, सरलता व सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। समाज के सुख – दु:ख में हर समय सहभागी बनने को आतुर ऐसे समाजसेवी बलवीर सिंह मनवाल जी को नमन, वंदन और अभिनंदन।

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