टिहरी//चम्बा//नागणी
गणतंत्र दिवस की 74वीं वर्षगांठ एवं 75 वें गणतंत्र दिवस पर राजकीय इंटर कॉलेज नागणी में प्रधानाचार्य *श्री आरके अग्रवाल जी ने ध्वजारोहण किया।* श्री अग्रवाल जी ने इस अवसर पर शिक्षा मंत्री जी का संदेश छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों को सुनाया। इस अवसर पर श्री अग्रवाल ने कहा कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 
गणतंत्र दिवस के महत्व को इंगित करते हुए *शिक्षक राजेश नौटियाल ने कहा* कि देश की आजादी के पश्चात सबसे बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य संविधान का निर्माण करना था। भारतीय विद्वानों ने बड़ी सूझबूझ, समझदारी और चिंतन मनन के पश्चात भारत का संविधान तैयार किया जो कि 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू किया गया। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के कथन का स्मरण कराते हुए कहा कि *जनता का जनता के लिए जनता द्वारा शासन* लोकतंत्र की खूबी है। 
वरिष्ठ प्रवक्ता *श्री आर पी कोठारी जी ने* इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में हमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। श्री कोठारी जी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अवधारणा पर भी फोकस किया। *वरिष्ठ प्रवक्ता हिंदी श्री राधा कृष्ण सेमवाल जी* ने इस अवसर पर कहा कि संविधान में अधिकार के साथ-साथ हमारे लिए कुछ कर्तव्य भी निर्धारित किए गए हैं। 
श्री सेमवाल जी ने कहा कि कर्तव्य पथ पर चलकर ही हम अधिकार प्राप्त कर सकते हैं। श्री सेमवाल जी ने कहा कि हमारी आजादी वहीं तक सीमित है जहां से दूसरे की आजादी की सीमा प्रारंभ होती है। *वरिष्ठ प्रवक्ता अर्थशास्त्र श्री मुरारी लाल आजाद जी* ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को संबोधित करते हुए देश के लिए बलिदान हुए शहीदों को नमन करते हुए कहा कि देश की आजादी के पश्चात देश की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए नियम कानून की जरूरत थी।
उन्होंने संविधान निर्मात्री सभा के सदस्यों और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के योगदान का स्मरण किया। वरिष्ठ प्रवक्ता अंग्रेजी *श्री सुधाकर यादव जी ने* इस अवसर पर छात्र-छात्राओं से अपने जीवन में भी नियम पालन करने और अनुशासन में रहने पर बल दिया। गणित प्रवक्ता श्री महादेव प्रसाद उनियाल जी ने इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सन 1600 से पहले अर्थात अंग्रेजों के आने से पहले हमारी अर्थव्यवस्था हमारी समाज व्यवस्था और 16वीं सदी के बाद की हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक व्यवस्था का हमको तुलनात्मक अध्ययन करने की आवश्यकता हैं।
श्री उनियाल जी ने छात्र-छात्राओं से अपेक्षा की कि हमें अपने इतिहास को अवश्य पढ़ाना चाहिए और उससे सबक लेकर आगे बढ़ना चाहिए। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीत, कविता, भाषण आदि विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। छात्र-छात्राओं ने इस अवसर पर *नागणी बाजार में प्रभात फेरी भी निकाली।* कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता संस्कृत *लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल जी ने किया।*

कार्यक्रम में श्री राधा कृष्ण सेमवाल, श्री सुधाकर यादव, श्री महादेव प्रसाद उनियाल, श्री दिनेश प्रसाद चमोली, श्री मातवर सिंह असवाल, श्री प्रताप सिंह पंवार, श्री नरेंद्र सिंह रावत, राजेश कुमार अग्रवाल, एल एम पांडे, राजेश नौटियाल, श्रीमती मीनाक्षी सिलस्वाल, श्रीमती अनीता भंडारी, अनुराधा, अरविंद पंवार, देवेंद्र सिंह रावत, विनोद भट्ट, कुंदन दास, लाखीराम बेलवाल, *जगदीश ग्रामीण* सहित समस्त शिक्षक छात्र छात्राएं एवं अभिभावक उपस्थित रहे।




