टिहरी//चंबा//नागणी
सुंदर हस्तलेख के लिए दूर दूर तक प्रसिद्ध *श्री राधकृष्ण सेमवाल जी* कहते हैं कि सुंदरता देखने वाले की आंखों में होती है। अपने सुंदर लेख का श्रेय वे अपनी प्राथमिक शिक्षा के शिक्षक को देते हैं।
आपके अक्षर बोलते हैं, आकर्षित करते हैं, मन को लुभाते हैं, सुंदरता को चार चांद लगाते हैं,धन बचाते हैं, अपनापन जताते हैं, उत्साह बढ़ाते हैं, आनंद की अनुभूति कराते हैं—और इससे अधिक क्या चाहिए।
*आपकी कलम मौन रहकर भी बहुत कुछ कह जाती है,* कमियों को छुपा जाती है, अच्छाई को चहुं ओर सुमन सुगंध सदृश फैला देती है।
*कम्प्यूटर के अक्षर भी आपकी लेखनी के अक्षरों को देखकर लजा जाते हैं।* हिंदी और अंग्रेजी दोनों में सुंदरतम आकार, नपे तुले अक्षर बरबस ही सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
*एक शिक्षक के रूप में आपकी उपयोगिता हर कार्यक्रम में बनी रहती है।* शिक्षण के इतर विभिन्न नवाचारों में आपकी सृजनात्मकता सदा सिंगार करती रहती है।
कविता, भजन लेखन व गायन के साथ – साथ सुंदर लेख के कारण *बोर्ड लेखन, भित्ति लेखन, भित्ति चित्र——आपका विराट व्यक्तित्व हर जगह झलकता है।*
राजकीय इंटर कालेज नागणी में *प्रवक्ता हिंदी के पद पर राजकीय इंटर कालेज खण्डकरी से पारस्परिक स्थानांतरण के फलस्वरूप आए श्री राधाकृष्ण सेमवाल जी* को नमन, वंदन और अभिनन्दन।