ऋषिकेश
आज ऋषिकेश में ब्रह्मलीन श्री 1008 स्वामी विशुद्धानंद जी बाबा काली कमली वाले महाराज (संस्थापक बाबा काली कमली वाला पंचायत क्षेत्र) माघ पूर्णिमा के दिन का
127 वें निर्वाणोत्सव के अवसर पर कैलाशाश्रम के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी जी की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन और वैदिक विद्वानों के द्वारा स्वस्तिवाचन के साथ ही कार्यक्रम प्रारंभ किया गया।
महाप्रबंधक श्री हर्षमणि व्यास जी ने बाबा काली कमली वाले आश्रम और धर्मशालाओं के उद्देश्य और सुविधाओं की जानकारी देते हुए बताया कि आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व बाबा का जन्म पंजाब में हुआ था और सारे भारतवर्ष भ्रमण के दौरान जब वे ऋषिकेश आए तो उस जमाने संत महात्माओं, यात्रियो और जरूरत मंदो के लिए साधन विहीनता देखकर उनके सेवार्थ ऋषिकेश में भी धर्मशाला की स्थापना की बाबा काली कमली सिद्ध संत थे और आज समस्त भारतवर्ष में उनके अनेकानेक धर्मशालाएं हैं। इसका मुख्य कार्यालय कलकत्ता में है और यह
एशिया महाद्वीप में सबसे अधिक धर्मशालाओं वाली और सबसे पुरानी संस्था है।
जो विगत सैकड़ों वर्षों से लगातार सेवा कार्य में अग्रसर है।
वक्ताओं ने महाप्रबंधक श्री व्यास जी का विगत कई वर्षों से बंद हो चुके सत्संग हाल को खुलवाने और शानदार कार्यक्रम आयोजित किए जाने के लिए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संतो के प्रवचन, और उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ दिनेश चंद्र जी , दंडी आश्रम से स्वामी विद्यानंद गिरी जी महाराज, श्री राम तपस्थली के महंत जी, तुलसी मानस मंदिर के महंत श्री रवि शास्त्री जी सहित अनेक संत महात्माओं, विद्वानों।का उद्बोधन हुआ।
इस उत्सव में अनेकानेक संत महात्माओं सहित, पंचायत क्षेत्र के कर्मचारी गण, श्रीमती कुसुमलता शर्मा, डॉ. जनार्दन कैरवान, आचार्य- सन्तोष व्यास, समाजसेवी श्रीमती शकुन्तला व्यास, आचार्य जितेन्द्र भट्ट, वेद प्रकाश, रीना शर्मा, सहित बहुत सी मातृ शक्ति,संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों सहित सैकड़ों संस्कृत छात्र उपस्थित रहे। अंत में बाबा की आरती और पुष्पांजली के साथ कार्यक्रम समापन हुआ।