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ऋषिकेश
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दशहरे के पावन पर्व पर बरेली की बेटी और ऋषिकेश निवासी संगीत की साधिका, गीतों की गायिका, हर महफिल की शान प्रसिद्ध कवयित्री “डॉ• उषा कटियार जी” से मुलाकात हुई। डॉक्टर कटियार जी को गीत – संगीत विरासत में मिला।
डॉक्टर कटियार हर विधा में पारंगत हैं। गीत गाती हैं तो सबको मगन कर देती हैं। गज़ल नयनों को सजल कर देती है। कविता अपनापन सा भाव जगा देती है। शास्त्रीय संगीत और सुगम संगीत की बहुत अच्छी गायिका हैं। कजरी गाती हैं तो मन मुदित हो जाता है।
आपका “निर्झरा” नामक काव्य प्रकाशित हो चुका है। दूसरा काव्य शीघ्र प्रकाशित होने वाला है। ऋषिकेश शहर को एक कवि हृदय कलाकार मिली हैं। सुंदर सुरीली आवाज है। मन के सुंदरतम भावों को सुंदरतम ढंग से प्रस्तुत करने की आप में कला है। और मधुर कंठ की आप स्वामिनी हैं। गीत – संगीत से स्नेह है, साधना है, अभ्यास है और समाज को कुछ स्नेह, प्रेरणा, वातावरण देने का मन में हर समय सुंदर भाव रहता है।
हंसमुख स्वभाव वाली, सुर – ताल की सरस्वती, सुंदर भावों का भंडार लिए सरलता और सहजता की प्रतिमूर्ति “डॉ• उषा कटियार जी” हर महफिल में समा बांध देती हैं। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में तो आप हर मंच पर सम्मान के साथ आमंत्रित की ही जाती हैं। इसके अतिरिक्त आप अन्य विभागों, संस्थाओं में भी आग्रह पूर्वक बुलाई जाती हैं। डॉ• उषा कटियार जी के सुंदर गायन की सुंदर प्रस्तुति के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पथ इंतजार कर रहे हैं। आप गायन के क्षेत्र में उच्च मुकाम हासिल करेंगी।फिल्म जगत के लिए आप एक बहुत अच्छी गायिका सिद्ध होंगी। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ सादर नमन, वंदन, अभिनंदन।