शिक्षा

कार्यशाला में शिक्षकों के परिश्रम से तैयार सामग्री कक्षा कक्षों तक पहुंचनी चाहिए : प्रदीप रावत

उच्च प्राथमिक स्तर पर हिन्दी की पूरक पठन सामग्री परिशोधन कार्यशाला प्रारंभ

देहरादून(अंकित तिवारी): राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद (एस.सी.ई.आर.टी) उत्तराखंड द्वारा उच्च प्राथमिक स्तर पर हिन्दी की पूरक पठन सामग्री परिशोधन कार्यशाला आज विधिवत रूप से आरंभ हुई। कार्यशाला का उद्घाटन अपर निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. प्रदीप रावत ने किया।

उद्घाटन सत्र में उन्होंने कहा कि एस.सी.ई.आर.टी., डायट और विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अपने रचनात्मक योगदान पर गर्व होना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि रचनात्मकता की निरंतरता बनाए रखने के लिए ज्ञान का संवर्धन आवश्यक है। शिक्षकों द्वारा तैयार की गई रचनात्मक सामग्री का लाभ छात्रों तक अवश्य पहुँचना चाहिए।

कार्यशाला के समन्वयक डॉ. शक्ति प्रसाद सेमल्टी ने जानकारी दी कि कार्यशाला में परिमार्जित पठन सामग्री तैयार की जाएगी और इस सामग्री पर प्रत्येक डायट द्वारा शिक्षकों का अभिमुखीकरण किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूरक पठन सामग्री में हिन्दी मानकीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, जिससे विद्यार्थियों में किसी भी प्रकार का भ्रम न उत्पन्न हो।

इस कार्यशाला में विशेषज्ञों का समूह भी अपना योगदान दे रहा है, जिसमें सोहन नेगी, विजय सेमवाल, डॉ. आलोक प्रभा पाण्डे, डॉ. उमेश चमोला, सुधा पैन्यूली, मंजू भट्ट, रेनू, मनोरथ प्रसाद, डॉ. सुरेश चंद्र पोखरियाल, रजनी, कनकलता सेमवाल, डॉ. हेम चंद्र तिवारी, टीकाराम रावत, डॉ. कपिल देव सेमवाल, जगदीश ग्रामीण, सन्देश चौधरी और डॉ. बुद्धि प्रसाद भट्ट शामिल हैं।

कार्यशाला का उद्देश्य उच्च प्राथमिक स्तर के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण और प्रभावी पठन सामग्री तैयार करना है, जो उनकी रुचि बढ़ाने और शिक्षा को बेहतर बनाने में सहायक होगी।

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