मनुष्य को कभी भी दान का अहंकार नहीं करना चाहिए। उक्त विचार श्री सुरकंडा देवी मंदिर समिति फलसुआ, पुन्नीवाला द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अवसर पर कथावाचक “व्यास श्री हेमानंद जी महाराज” द्वारा व्यक्त किए गए।
श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ में श्रोताओं को संबोधित करते हुए व्यास जी ने राजा बलि और भगवान वामन अवतार का प्रसंग याद दिलाते हुए कहा कि भगवान वामन ने राजा बलि से मात्र तीन पग भूमि मांगी थी लेकिन राजा बलि तीन पग भूमि दान करने में असहज हो गए थे। व्यास जी महाराज ने कहा कि मनुष्य को अहंकार से बचना चाहिए। दानी व्यक्ति को तो अहंकार का भाव मन में लाना ही नहीं चाहिए। इस अवसर पर श्री सुरकंडा देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष विजेंद्र तिवाड़ी, उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र तिवाड़ी, सचिव पंकज तिवाड़ी, कोषाध्यक्ष रमेश चंद्र तिवाड़ी, सह सचिव सत्य प्रकाश तिवाड़ी, विद्या दत्त तिवाड़ी, बुद्धि प्रकाश तिवाड़ी, प्रेमचंद शर्मा, किशोरी लाल तिवाड़ी, आनंद मनवाल, खुशीराम तिवाड़ी, सुमन देव तिवाड़ी, जगदीश ग्रामीण सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
मंदिर समिति के सचिव पंकज तिवारी ने बताया कि 2 नवंबर को श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ का समापन होगा। इस दिन विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने मंदिर समिति की ओर से सभी क्षेत्रवासियों से आग्रह किया है कि श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने हेतु प्रतिदिन मंदिर परिसर में आएं एवं 2 नवंबर को भागवत कथा के समापन के अवसर पर भंडारे में शामिल होकर प्रसाद ग्रहण अवश्य करें।