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लक्ष्मण ने सूर्पनखा की नाक काटी तो रावण हुए आगबबूला


बड़ासी ग्रांट में हो रही रामलीला के पांचवें दिन लक्षमण ने सूर्पनखा की नाक काटी तो सुन कर रावण आग बबूला हो गए। बदले में रावण ने मारीच को मजबूर कर हिरण का रूप धारण पंचवटी भेजा। जिसे देख माता सीता ने श्रीराम से हिरण को पकड़ने की इच्छा जताई। तो “श्रीराम” हिरण को पकड़ने के लिए हिरण के पीछे पीछे दौड़े। तभी साधु के भेष में पंचवटी पहुंचा “रावण” और माता सीता का हरण कर चला “लंका” की ओर। रास्ते में “जटायु” ने रोका “रावण” का रास्ता। तो रावण ने “जटायु”के पंख काट कर जटायु को घायल कर दिया। रामलीला में माता “सीता” हरण देखने बड़ी संख्या में पहुंचे “भक्तगण” इस मौके पर मुख्य अतिथि रहे रानी पोखरी के ग्राम “प्रधान” सुधीर रतूड़ी वरिष्ठ पत्रकार व समाज सेवक “जगदीश ग्रामीण” (थानों) मातृभूमि सेवा संगठन के “अध्यक्ष” अमित कुकरेती (थानों) समाज सेवक “चंद्रपाल राणा” जी आदि उपस्थित रहे। श्री आदर्श रामलीला कमेटी के “अध्यक्ष” दिनेश चुनारा ने सभी मुख्य अतिथियों का शॉल व राम नाम का पट स्मृति चिन्ह भेंट कर जोरदार स्वागत किया। बड़ासी ग्रांट से समाज सेवक राहुल मनवाल,आनन्द मनवाल ने भी सभी मुख्य अतिथियों का स्वागत व पांडाल में बैठे भक्तगणों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने व श्री आदर्श रामलीला कमेटी बड़ासी ग्रांट का उत्साहवर्धन करने की अपिल की।



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