“घस्यारी नृत्य” के जनक नत्थीलाल नौटियाल जी!
———————————-
लोक गायक चंद्र सिंह राही, गोपाल बाबू गोस्वामी के समय के उम्दा कलाकार लोक गायक “नत्थीलाल नौटियाल जी” के गीत आज भी हर जुबां पर हर घर में गुनगुनाए जाते हैं। आकाशवाणी लखनऊ, नजीबाबाद, देहरादून और दूरदर्शन पर पुरानी और नई दोनों पीढियां आपको प्रेम पूर्वक सुनती हैं।
“घसियारी नृत्य” को आपने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। आपके गीतों में बहुत गहराई के भाव हैं, शालीनता है, संदेश है और अपने पहाड़ की माटी में रची – बसी संस्कृति के स्वर हैं।
लंबे समय से आप सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में भी सक्रिय हैं। आप राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर तो अपनी गायकी और लोक कला के लिए जाने ही जाते हैं इसके साथ-साथ आप गायन के क्षेत्र में विदेशों में भी “संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार” के माध्यम से अपनी लोक संस्कृति और कला का प्रचार प्रसार करते रहते हैं। आप सैकड़ों कलाकारों को रोजगार भी देते हैं और उन्हें मंच भी प्रदान करते हैं। हमारे उत्तराखंड की शान लोक संस्कृति के संवाहक, मधुर एवं शांत स्वभाव के धनी, धीर – गंभीर, कर्म योगी ढालवाला – ऋषिकेश निवासी श्रद्धेय “नत्थीलाल नौटियाल जी” को सादर नमन, वंदन और अभिनंदन।
यूट्यूब लिंक-https://youtu.be/JSad8RWKWUg
यूट्यूब चैनल लिंक- https://youtube.com/@ajgramin5721