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सूर्यधार के सुंदर सरकारी स्कूल की दर्द भरी कहानी

देहरादून//डोईवाला//थानो :

राजधानी देहरादून का बासमती चावल के लिए कभी देश दुनिया में प्रसिद्ध स्थान सूर्यधार।

राजधानी देहरादून की वी. आई. पी. विधानसभा डोईवाला का एक सुंदर सरकारी स्कूल सूर्यधार।

कक्षा 2/3 के बच्चे भी इतना शुद्ध पढ़ते हैं कि प्राइवेट स्कूलों को भी मात देते हैं। दोनों शिक्षिकाओं हेड रीना डोभाल  व सहायक अध्यापिका इसराना खातून  को एक सैल्यूट तो बनता है दोस्तों।

विद्यालय में एक अतिरिक्त कक्ष है जिसमें मजबूरी में पांच कक्षाएं चलाई जाती हैं। पुराना भवन अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है इसलिए वहां बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर दूरी बनाकर शिक्षकों ने समझदारी से काम लिया है। किचन कम स्टोर नहीं है। रसोई के नाम पर एक छोटी सी काल कोठरी है जिसमें बरसात में पानी टपकता रहता है। लघुशंकालय उपयोग करने लायक नहीं है। बच्चे और शिक्षिकाएं/भोजनमाता खेतों में निवृत्त होती हैं।

विद्यालय तक आवागमन हेतु पगडंडी भी रुलाती है। गांव के बच्चों को मूलभूत सुविधाएं कब मयस्सर होंगी यह सब भविष्य के गर्भ में है। अभिभावकों ने विद्यालय नवीन भवन बनाए जाने, किचन कम स्टोर,लघु शंकालय, शौचालय व बच्चों के विद्यालय आवागमन हेतु मार्ग बनाए जाने की शासन प्रशासन से मांग की है।

युवा अभिभावक विक्रम सिंह कृषाली  ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार एक ओर अभिभावकों से अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने का आग्रह करती है और दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा रही है। स्थानीय ग्रामीणों ने भी शासन प्रशासन पर गांव की अनदेखी का आरोप लगाया है। स्थानीय जनता ने विधायक डोईवाला बृज भूषण गैरोला एवं सांसद हरिद्वार त्रिवेंद्र सिंह रावत  से क्षेत्र की समस्याओं के समाधान की उम्मीद जताई है।

आओ! सूर्यधार के सुंदर सरकारी स्कूल को सजाने संवारने के इस यज्ञ में हम सभी शामिल हों।

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