“ऋषिकेश”
युवा गुर्जर नेता मोहम्मद रफी ने शासन प्रशासन से घुमंतू पशुपालकों के हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है । मार्च – अप्रैल के बाद घास पानी की कमी होने के कारण घुमंतू पशुपालक दूसरे स्थानों में पशु चुगाने के लिए जाते हैं। कई – कई दिन तक सफर करना पड़ता है। क्योंकि दिन में पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है और वाहन चालकों को कठिनाई होती है इसलिए घुमंतू पशुपालक रात्रि में ही अपने पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं। सड़कों के चौड़ीकरण के कारण वाहनों की रफ्तार अधिक होने के कारण घुमंतू पशुपालकों को भी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। क्योंकि पशुपालक रात्रि में ही अपने पशुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाते हैं एवं रात्रि में भी भारी वाहनों का ट्रकों का आवागमन चलता रहता है जिस कारण कि कई बार पशु दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं। वन गुर्जर ट्राइबल युवा संगठन के अध्यक्ष मोहम्मद रफी का कहना है कि यदि सड़कों के किनारे प्रकाश व्यवस्था हो तो घुमंतू पशुपालक अपने पशुओं को सुरक्षित एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जा सकते हैं।
युवा गुर्जर नेता मोहम्मद रफी ने शासन प्रशासन से घुमंतू पशुपालकों के हितों की रक्षा करने का आग्रह किया है ।