रिंगाल और बांस आज पहाड़ की पहचान बन चुके हैं। स्वरोजगार के क्षेत्र में बांस और रिंगाल की भूमिका सब को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। सबसे बड़ी और उत्साहजनक बात यह है कि रिंगाल और बांस से निर्मित वस्तुएं पर्यावरण की मित्र हैं।
वसन्तोत्सव 2023 में राजभवन में पुष्प प्रदर्शनी में मित्र आनंद मनवाल जी के साथ जाना हुआ। राजभवन में पुष्प प्रदर्शनी में हमारी मुलाकात युवा व्यवसायी व स्वरोजगार के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहे श्री प्रदीप डोभाल जी से हुई। प्रदीप डोभाल जी ने बताया कि बांस और रिंगाल आज हमारी आर्थिकी का मुख्य साधन हैं। रिंगाल और बांस से निर्मित वस्तुओं की मांग आज बहुत अधिक है। बांस और रियाल की वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए हमारी टीम पूर्ण मनोयोग से कार्य कर रही है। प्रदीप डोभाल जी स्वरोजगार के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य कर रहे हैं। प्रदीप जी अपने बहुत सारे मित्रों, सहयोगियों और कर्मचारियों को रोजगार भी उपलब्ध करा रहे हैं। प्रदीप डोभाल जी के स्टाल पर हमने देखा कि बांस और रिंगाल की बनी हुई बहुत सारी वस्तुएं उपलब्ध हैं। इनमें रोटी रखने के लिए टोकरी, गमले, पर्स सहित बहुत सारी वस्तुएं ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही थीं। स्वरोजगार के क्षेत्र में बांस और रिंगाल बहुत सहयोगी सिद्ध हो रहा है। यह हमारी आर्थिकी का बहुत बड़ा माध्यम बन सकता है। शुभकामनाएं प्रदीप डोभाल जी।