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22 वर्षों में 18 किलोमीटर का सफ़र तय नहीं कर पाया भोगपुर – सनगांव – नाहीं- सतेली मार्ग

थानों
भोगपुर से सनगांव – नाहीं होकर सतेली तक पहुंचने वाला मार्ग उत्तराखंड बनने के 22 वर्षों में 18 किलोमीटर का सफ़र तय नहीं कर पाया है। यह बहुत चिंताजनक स्थिति है। विदित हो कि उत्तराखंड बनने के बाद से ही इस मार्ग के लिए कागजों में जंग छिड़ी हुई है। कभी वन विभाग की स्वीकृति नहीं मिलती है तो कभी कुछ और अड़चन आ जाती है। ग्राम पंचायत सन गांव, ग्राम पंचायत सिंधवाल गांव, ग्राम पंचायत नाहीं, ग्राम पंचायत गडूल सहित चार ग्राम पंचायत के ग्राम वासियों को इस सड़क का लाभ मिल सकता था। भोगपुर से सनगांव तक 6 किलोमीटर की दूरी है लेकिन अब तक केवल भोगपुर से सनगांव तक 5 किलोमीटर पक्का मार्ग ही 4 वर्ष पूर्व बना था। यह 5 किलोमीटर तक का मार्ग भी आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। लोक निर्माण विभाग ने फिर कभी मुड़कर अपने इस मार्ग की हालत को सुधारने, सजाने, संवारने की हिम्मत नहीं जुटाई।

स्थानीय ग्राम वासी इस 5 किलोमीटर के मार्ग पर भी जान जोखिम में डालकर सफर करते हैं। बरसात में तो यह मार्ग पैदल चलने लायक भी नहीं रहता है। इस मार्ग पर बाइक सवार अधिकांश दुर्घटनाग्रस्त होते रहते हैं। यह वन वे मार्ग है। यदि दोनों तरफ से वाहन आ रहा हो तो आर – पार होना मुश्किल हो जाता है। सुख – दु:ख के समय में तो इस मार्ग पर सफ़र करना किसी चुनौती से कम नहीं है। स्थानीय निवासी धीरे-धीरे पलायन कर रहे हैं। अब तक सनगांव सिंधवाल गांव और नाहीं इन तीन ग्राम पंचायतों से ही 75% लोग पलायन कर चुके हैं। शेष 25% लोग भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि इन तीनों ग्राम पंचायतों में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। चाहे बात शिक्षा की हो, स्वास्थ्य की हो, आवागमन की हो या दूरसंचार की हो; लेकिन सबसे मुख्य समस्या सड़क की है। यदि सड़क समस्या का समाधान निकल जाता तो इन गांवों के पलायन पर रोक लग सकती थी। लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश खंड के अधिकारियों से निवेदन है कि कृपया अपने द्वारा निर्मित भोगपुर सनगांव 5 किलोमीटर मोटर मार्ग की सुध लेने की कृपा करें।
स्थानीय निवासियों में जनप्रतिनिधियों और शासन प्रशासन के खिलाफ सख़्त नाराजगी देखने को मिल रही है।

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