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गायकी ने आजीविका के साथ – साथ पहचान भी दी : गोपाल भटनागर

ऋषिकेश

बचपन से गायन का शौक रखते थे गोपाल भटनागर जी। एक बार मंच पर उन्होंने एक गाना गाया और उस गाने को सुनकर दर्शकों ने और गायकी की बारीकियों को समझने वाले लोगों ने उनका उत्साहवर्धन किया। बस इसी उत्साह वर्धन ने गोपाल भटनागर जी को आज देश विदेश के हर मंच पर नई पहचान दी है। गोपाल भटनागर जी ऋषिकेश में रहते हैं। गोपाल भटनागर जी ने बताया कि उनके पास बहुत अच्छे कलाकारों की टीम है जो कि उनके मार्गदर्शन में देश के विभिन्न भागों में जागरण में जहां एक ओर भक्तिमय गीत – संगीत की प्रस्तुति देते हैं वहीं दूसरी ओर मोहम्मद रफी, लता मंगेशकर, किशोर कुमार जैसे पुराने मशहूर कलाकारों के गीतों को भी वे अपनी आवाज देते हैं। मोहम्मद रफी नाइट, किशोर नाइट के नाम से उनके कार्यक्रम विभिन्न शहरों में आयोजित किए जाते हैं। कोरोना काल में विभिन्न देश विदेश के मंचों ने उन्हें अपने पेज पर ऑनलाइन आमंत्रित किया और उनके भजन उनके गीत सुने और मुक्त कंठ से सराहना भी की। गोपाल भटनागर जी ने बताया कि गायकी का यह शौक बचपन में जब जागा तो आज जुनून बन गया है। भटनागर जी बताते हैं कि यह गायकी ही मेरे परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन है।

गायकी के क्षेत्र में आने से आजीविका बहुत अच्छे ढंग से चल रही है। आजीविका के साथ – साथ गायकी ने उन्हें बहुत ऊंचे मुकाम तक पहुंचाया है। गोपाल भटनागर जी प्रसन्नता और संतोष व्यक्त करते हुए कहते हैं कि आज हर जगह उन्हें उनकी आवाज से पहचाना जाता है। कई बार तो गोपाल भटनागर जी की व्यस्तता इतनी रहती है कि महीनों – महीनों तक लगातार कार्यक्रम देने पड़ते हैं। कुल मिलाकर आज की तारीख में देखें तो गोपाल भटनागर जी ऋषिकेश की शान के साथ – साथ देश प्रदेश में भी बड़े मान- सम्मान के साथ हर मंच पर आमंत्रित किए जा रहे हैं और उन्हें अच्छा खासा पारिश्रमिक भी प्रदान किया जा रहा है। मधुर कंठ के धनी, मिलनसार, हंसमुख, भक्तिमय भावना के साथ गायन के क्षेत्र में अपनी आवाज का जलवा बिखेरने वाले गोपाल भटनागर जी को नमन, वंदन और अभिनंदन।

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