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जब भी मुझे कोई उलझन होती है मैं भागवत गीता के श्लोक पढ़ लेता हूं : अनूप मलिक

2 अक्टूबर गांधी जयंती और शास्त्री जयंती के अवसर पर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा गांधीजी और शास्त्री जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया

“देहरादून”

2 अक्टूबर गांधी जयंती और शास्त्री जयंती के अवसर पर वन विभाग के मुख्यालय में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा गांधीजी और शास्त्री जी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर वन विभाग के मुखिया अनूप मलिक ने वन विभाग परिवार को संबोधित करते हुए कहा कि आज के दिन ऐसी पुण्य आत्माओं ने जन्म लिया जिनके विचारों को आज भी पूरा देश आत्मसात कर रहा है। शास्त्री जी का नारा था
” जय जवान जय किसान”। जय जवान जय किसान से उनका तात्पर्य यह था कि बिना जवान के और बिना किसान के जीवन सुरक्षित नहीं हो सकता है।
गांधी जी के बारे में उन्होंने बताया कि बचपन में हमने किताबों में पढ़ा कि गांधी जी अहिंसा के पुजारी हैं तो हम सोचते थे कि अहिंसा का मतलब क्या होता है। जब हमें मालूम पड़ा तो जाना कि हिंसा के बगैर भी हम अपने जीवन में किसी भी जंग को जीत सकते हैं।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमें अपने जीवन में जब भी कोई उलझन महसूस होती है तो हम भागवत गीता का कोई सा भी श्लोक स्मरण करना या पढ़ना शुरू कर दें तो यकीनन हर उलझन से हर परेशानी से बाहर आ सकते हैं।

इस मौके पर वन विभाग के अन्य अधिकारी प्रमुख वन संरक्षक कपिल जोशी, अपर प्रमुख वन संरक्षक कपिल लाल, अपर प्रमुख वन संरक्षक जे एस पांडे,अपर प्रमुख वन संरक्षक बीपी गुप्ता,मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा, मुख्य वन संरक्षक नरेश कुमार और अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।
कार्यक्रम का संचालन आरती मैठाणी (ए०सी०एफ एचआरडी) द्वारा किया गया। कार्यक्रम के व्यवस्थापक वन क्षेत्राधिकारी सतविंदर सिंह,वन दरोगा,राम भरोसा,वन आरक्षी अमृता डोभाल, विजेंद्र कुमार,रहे। कार्यक्रम के समापन पर सभी अधिकारी कर्मचारियों को मिष्ठान वितरण किया गया।

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