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*प्रकृति पर्यावरण संरक्षण में स्वयं सक्षम : पर्यावरणविद् धूम सिंह नेगी*

प्रकृति पर्यावरण संरक्षण में स्वयं सक्षम है यह बात एक साक्षात्कार में *विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् श्री धूम सिंह नेगी जी* ने कही।
श्री धूम सिंह नेगी जी ने कहा कि हम पहले पौधे नर्सरी में उगाते हैं ; फिर उनको उस स्थान से हटाकर इच्छित स्थान पर ले जाते हैं यह पूरी प्रक्रिया ही अव्यावहारिक है।

उन्होंने कहा कि *सरकारी तंत्र ने पहले पेड़ काटे और बाद में पर्यावरण असंतुलन का आभास होने पर पौधारोपण का कार्य प्रारंभ किया। श्री नेगी जी ने कहा कि *पर्यावरण के प्रति अपनापन होने पर ही* पर्यावरण को बचाया जा सकता है। वन विभाग हर साल लाखों पौधारोपण करता है लेकिन उसमें से बहुत कम पौधे ही जीवित रह पाते हैं यह बहुत चिंता की बात है। पौधारोपण के प्रति सरकारी तंत्र एवं विभिन्न संस्थाएं अपने कर्तव्य की इति श्री तो कर देती हैं लेकिन पर्यावरण के प्रति जब तक लगाव नहीं होगा तब तक हम अपने उद्देश्यों में सफल नहीं हो सकते हैं।

कर्मयोगी श्री धूम सिंह नेगी जी ने बताया कि अल्पायु में ही पिता का स्वर्गवास हो जाने के कारण माताजी ने ही हम चार भाइयों और तीन बहनों का पालन पोषण किया। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात श्री नेगी जी *सरकारी सेवा में शिक्षक* के पद पर रोजगार प्राप्त कर चुके थे लेकिन पर्यावरण प्रेम ने उनको *सरकारी सेवा से त्यागपत्र देने को बाध्य किया।* श्री नेगी जी ने बताया कि मैंने अपने मन में सोचा कि सरकारी सेवा और सामाजिक कार्य दोनों एक साथ नहीं चल सकते हैं; अतः मैंने सरकारी सेवा छोड़ने का निश्चय किया।

श्री नेगी जी ने बताया कि पर्यावरणविद् स्वर्गीय *श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी से प्रभावित होकर वे उनकी टीम का हिस्सा बने और आज तक पर्यावरण और समाज जागरण के लिए नि:स्वार्थ भाव से लगे हैं। अदवाणी के जंगलों को बचाने की लड़ाई हो अथवा *सिंस्यारु खाला की चूना पत्थर खान* को बंद करने की बात हो श्री धूम सिंह नेगी जी, पर्यावरण प्रेमी *विजय सिंह जड़धारी जी, रामराज बडोनी जी, सुंदरलाल बहुगुणा जी, श्रीमती बचनी देवी, श्रीमती इतवारी देवी, श्रीमती चमनी देवी, कुंवर प्रसून जी, प्रताप शिखर जी के साथ कदम से कदम मिलाकर हमेशा अग्रिम पंक्ति में रहे। पर्यावरण को बचाने के लिए श्री धूम सिंह नेगी जी अपने साथियों के साथ जेल भी गए।* उस समय अर्थात आज से तीन चार दशक पहले तक आवागमन के साधन नहीं थे, सड़क सुविधा नहीं थी तो श्री धूम सिंह नेगी जी अपनी टीम के सदस्यों के साथ पैदल गांव – गांव जाकर आंदोलन में प्रतिभाग करते थे और समाज जागरण में लगे रहते थे।
श्री नेगी जी ने बताया कि वे पर्यावरण बचाने के लिए किए जाने वाले आंदोलनों में लंबे समय तक घर से बाहर रहते थे ऐसे में उनकी धर्मपत्नी जी बच्चों का लालन-पालन, शिक्षा, खेती में परिश्रम करते हुए उनका हर कदम पर साथ देती थी। *श्री नेगी जी गांधी दर्शन* प्रारंभ से ही प्रभावित रहे हैं। श्री नेगी जी आज भी खादी के वस्त्र पहनते हैं। श्री नेगी जी का कहना है कि *खादी केवल पहनावा मात्रा नहीं है बल्कि यह एक विचार है, जीवन जीने की शैली है।* श्री नेगी जी ने अपने घर में ही सुंदर पुस्तकालय बना रखा है जिसमें बहुत सारी दुर्लभ पुस्तकें हैं। आंदोलन से संबंधित उनके पास बहुत सारी जानकारियां हैं, लिखित दस्तावेज हैं, पत्र हैं, न्यायालय के निर्णय हैं; जिनको संकलित किए जाने की आज आवश्यकता है ताकि भावी पीढ़ी अपने इतिहास से रूबरू होकर आगे के लिए अपना पथ सुगम कर सके।
श्री नेगी जी को विभिन्न पुरस्कारों एवं सम्मानों से भी समय-समय पर सम्मानित किया गया है। *पद्म विभूषित श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी* की स्मृति में दिया जाने वाला पुरस्कार *हिमालय प्रहरी 2022 में सर्वप्रथम श्री नेगी जी को ही प्रदान किया गया था।2018 में प्रसिद्ध जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित श्री धूम सिंह नेगी जी* महान विचारक, क्रांतिकारी और पर्यावरण प्रेमी हैं। जमनालाल बजाज पुरस्कार के साथ श्री नेगी जी को 10 लाख रुपए की नगद धनराशि भी प्राप्त हुई थी; जो कि सामाजिक और पर्यावरणीय कार्यों में काम आ रही है। पुरस्कारों को श्री धूम सिंह नेगी जी अधिक महत्व नहीं देते हैं; उनका कहना है कि कोई भी कार्य जो हम करते हैं यह सामूहिक कार्य होता है लेकिन पुरस्कार चूंकि एक व्यक्ति को मिलता है इसलिए यह भी विभेदकारी लगता है।
श्री नेगी जी ने बताया कि उन्होंने *पहला पर्यावरण से संबंधित लेख 1969 में लिखा था* जो कि समाचार पत्र में प्रकाशित हुआ था। श्री नेगी जी जमाने के साथ-साथ कदम मिलाते हुए धरातल पर कार्य करते हुए सतत आगे बढ़ रहे हैं। सोशल मीडिया के इस दौर में श्री नेगी जी जैसे वृद्ध ऋषि सक्रिय नजर आते हैं।

*स्व• श्री सुंदरलाल बहुगुणा जी के सूत्र वाक्य *धार ऐंच पाणी ढाल पर डाला, बिजली बणावा खाला खाला* के संदेश वाहक श्री नेगी जी पूरे उत्साह के साथ आज भी पूर्ण रूप से समाज और पर्यावरण के प्रति सजग हैं, चिंतनशील हैं और सक्रिय हैं; यह युवा पीढ़ी के लिए सुखद संदेश है। समाज के सजग प्रहरी विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद् सरल स्वभाव के धनी, विराट व्यक्तित्व के स्वामी, प्रचार प्रसार से दूर रहते हुए धरातल पर कार्य करने वाले *हम सबके प्रेरणादायक सहृदय मनीषी श्री धूम सिंह नेगी जी को बारंबार नमन वंदन और अभिनंदन।*

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