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अच्छे दिनों की उम्मीद में बुरे दौर से गुजर रहा है राजधानी का एक पोलिंग बूथ

देहरादून//रायपुर//थानों

राजधानी देहरादून की डोईवाला विधानसभा का एक *पोलिंग बूथ पलेड* अपनी दुर्दशा पर कई सालों से अश्रु बहा रहा है लेकिन इस पोलिंग बूथ के अश्रु पोंछने वाला आज तक कोई नहीं मिला है। इस पोलिंग बूथ ने बहुत से लोगों को सत्ता की सीढ़ियों तक पहुंचाया है। पंचायत प्रतिनिधियों से लेकर विधायक और सांसद चुनने में यह मतदान केंद्र सहभागी रहा है। इस पोलिंग बूथ से मत पाकर *श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे हैं* लेकिन इस पोलिंग बूथ की दशा और दिशा पर किसी को चिंतन मनन करने की आज भी फुर्सत नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनाव के समय सामाजिक संगठनों और मीडिया ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था कि इस पोलिंग बूथ की स्थिति बहुत खराब है; इसकी दशा सुधारी जानी चाहिए। ग्रामीणों ने इस *पोलिंग बूथ राजकीय प्राथमिक विद्यालय पलेड* के नवनिर्माण की शासन व जनप्रतिनिधियों से बारम्बार मांग की लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। *अब लोकसभा चुनाव भी सम्मुख* आ गया है लेकिन *पोलिंग बूथ जीर्ण शीर्ण है, शौचालय की स्थिति भी खराब है*, पानी नल में कभी – कभार ही आचमन के लिए दर्शन देता है। यह बहुत चिंता की बात है कि *राजधानी देहरादून की विकासखंड रायपुर के* इस पोलिंग बूथ की जीर्ण शीर्ण हालत को देखकर किसी का मन भी नहीं पसीज रहा है यह बहुत चिंता की बात है। *ग्राम पंचायत लड़वाकोट* के अंतर्गत स्थित यह *प्राथमिक विद्यालय पलेड पोलिंग बूथ के रूप* प्रयोग किया जाता है लेकिन आज की स्थिति में इसकी दुर्दशा देखकर नहीं लगता कि यह पोलिंग बूथ अपनी जिम्मेदारी निभाने में सक्षम है। *तहसील प्रशासन जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों से* बारंबार आग्रह के बावजूद इस पोलिंग बूथ के आज तक *अच्छे दिन नहीं आए हैं।* उम्मीद की जानी चाहिए कि शासन और प्रशासन तक इस पोलिंग बूथ का दर्द पहुंचेगा और समस्या का समाधान होगा।

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