ऋषिकेश(अंकित तिवारी): प्रकृति के सुकुमार कवि और प्रख्यात साहित्यकार सुमित्रानंदन पंत की 125वीं जयंती के अवसर पर लेखक गांव थानो में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बाल कवि गोष्ठी, व्याख्यान माला और सुमित्रानंदन पर्यटन पथ वृत्तचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें नन्हे कवियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया और साहित्य के विभिन्न रंग बिखेरे।
जयंती समारोह का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति मनमोहन सिंह रौथाण ने द्वीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि पंत जी ने प्रकृति के निकट रहकर ऐसा अतुलनीय काव्य और साहित्य रचा है जिसे आज भी अकल्पनीय माना जा सकता है। उन्होंने पंत साहित्य को अधिक से अधिक पढ़े जाने पर जोर दिया।
सुमित्रानंदन पंत: एक युग दृष्टा कवि
पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सुमित्रानंदन पंत को एक युग दृष्टा कवि बताया। उन्होंने कहा कि पंत जी ने अपनी दृष्टि और कल्पना से प्रकृति, समाज और मानव जीवन को आत्मसात कर अपनी लेखनी से पन्नों पर उकेरा। डॉ. निशंक ने कहा कि उनका काव्य, साहित्य, कालजयी रचनाएं और उनकी जीवनी आज हम सबके लिए सिर्फ अध्ययन ही नहीं, बल्कि शोध का भी विषय है, और लेखक गांव इसे आगे बढ़ाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही पूर्व निदेशक उच्च शिक्षा डॉ. सविता मोहन ने सुमित्रानंदन पंत की जीवनी और पारिवारिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति से एक सामान्य व्यक्ति भी असामान्य कार्य करने में सक्षम हो सकता है।
बाल कवियों ने मोहा मन
इस अवसर पर आयोजित बाल कवि सम्मेलन में विभिन्न स्कूलों के बाल कवियों ने सुमित्रानंदन पंत जी की कविताओं का पाठ किया। इनमें सनराइज एकेडमी, दून ब्लॉसम, न्यू दून ब्लॉसम, डीएवी पब्लिक स्कूल, समर वैली, मदरलैंड स्कूल, सेंट जेवियर, राईका थानो, दून भवानी और राजा राम मोहन अकादमी के छात्रों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागी छात्रों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया, साथ ही उनके साथ आए शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रोफेसर सुरेश चंद्र व्याला और प्रोफेसर नवीन लोहनी ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के पर्यटन विभाग के प्रमुख डॉ. सर्वेश उनियाल, सनराइज एकेडमी की प्रबंध निदेशक पूजा पोखरियाल, डॉ. बेचैन कंडियाल और इशांत ममगाईं सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मोनिका शर्मा ने किया। लेखक गांव कुलगीत गायन के साथ ही कार्यक्रम के समापन की घोषणा हुई।