डोईवाला : 100 वर्ष पुरानी सैनिक स्व मेजर ज्ञानचंद गुप्ता की कोठी को मिली आजादी, विशेष समुदाय का था 30 वर्ष से भी अधिक समय से अवैध कब्जा,जिला और तहसील प्रशासन का रहा विशेष योगदान, मेजर ज्ञानचंद गुप्ता का जन्म सन 1931और मृत्यु अगस्त 2016 में हुई। प्राप्त जनकारी के अनुसर उनकी शिक्षा दीक्षा देहरादून और मुजफ्फनगर मे हुई। वह भारत के पहले एनडीए बैच के कैडेट रहे और राष्ट्रपति महोदय के एडीसी (सैन्य, नौसैनिक और वायु सेना के अधिकारी,अक्सर उच्च रैंक के,जो राजाओं या राष्ट्रपतियों जैसे राज्य प्रमुखों के सहयोगी के रूप में कार्य
करते हैं, उन्हें सहयोगी-डी-कैंप भी कहा जाता) भी रहे।लगभग 2 वर्ष का समय लगा अवैध कब्जा को छुड़वाने में।इस कोठी पर समुदाय विशेष के व्यक्ति द्वारा अवैध रूप से विद्युत् संयोजन भी लिया गया(बिना दस्तावेज और एक गुणा
सिक्योरिटी पर) विद्युत् विभाग जॉली ग्रांट की अभी भी संदिध भूमिका।संलिप्त/ दोषियों के खिलाफ़ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की जाती है।इस प्रकरण में जिला और तहसील प्रशासन का विशेष योगदान रहा है।कोठी को खाली करवाने के बाद श्री हनुमान चालीसा संगठन, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, आरएसएस एवम भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सामूहिक रूप से कोठी में श्री हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया गया।