नई दिल्ली//उत्तराखंड
(अंकित तिवारी)
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा 18 जून, 2024 को आयोजित यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा को गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (आई4सी) की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से मिली जानकारी के बाद रद्द कर दिया गया है।
19 जून, 2024 को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को मिली जानकारियों के अनुसार, प्रथम दृष्टया संकेत मिलते हैं कि इस परीक्षा की सत्यता पर संभावित रूप से समझौता हुआ है। इस महत्वपूर्ण परीक्षा की पारदर्शिता और पवित्रता को बनाए रखने के लिए भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने तत्काल निर्णय लिया कि यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा को रद्द कर दिया जाए और एक नई परीक्षा आयोजित की जाए। इसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी।
इस घटना के मद्देनजर, सरकार ने मामले की गहन जांच के लिए इसे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सी.बी.आई.) को सौंपने का निर्णय लिया है। इससे परीक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को उजागर कर न्यायिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी।
पूर्व विश्वविद्यालय प्रतिनिधि और अधिवक्ता अंकित तिवारी ने पूरे देश में उत्तराखंड की तर्ज पर नकल विरोधी कानून लागू करने की माँग की है। उन्होंने कहा, “इस तरह की घटनाएं उच्च शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और छात्र समुदाय का विश्वास तोड़ती हैं। इसलिए, आवश्यक है कि देशभर में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किए जाएं ताकि परीक्षा प्रणाली की शुद्धता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।”
इस पूरे घटनाक्रम के बाद, छात्रों में निराशा और चिंता का माहौल है। सरकार ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि नई तारीखों की जानकारी जल्द ही दी जाएगी और परीक्षाओं की पारदर्शिता और पवित्रता को सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे।