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एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों ने किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता, पोषण और शारीरिक परिवर्तनों पर किया जागरूक

ऋषिकेश(अंकित तिवारी)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के संकाय सदस्यों ने सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत 29 अप्रैल और 7 मई, 2025 को भरत मंदिर इंटर कॉलेज और डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में किशोरावस्था में होने वाले बदलावों, मासिक धर्म स्वच्छता और संतुलित पोषण पर केंद्रित जागरूकता सत्रों का आयोजन किया। यह आयोजन न्यूट्रिशन सोसाइटी ऑफ इंडिया, उत्तराखंड चैप्टर के संरक्षण में संपन्न हुआ।

प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की विशेषज्ञ डॉ. राजलक्ष्मी मुंधरा ने 13 से 19 वर्ष की छात्राओं को संबोधित करते हुए किशोरावस्था में शारीरिक व मानसिक परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने माता-पिता और शिक्षकों के साथ संवाद के महत्व की चर्चा करते हुए मासिक धर्म से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया और स्वच्छता बनाए रखने के व्यवहारिक उपाय सुझाए।

वहीं, न्यूट्रिशन सोसाइटी ऑफ इंडिया, उत्तराखंड चैप्टर की कन्वीनर डॉ. रश्मि मल्होत्रा ने संतुलित आहार और खनिजों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने फूड पिरामिड, बॉडी मास इंडेक्स और किशोरियों के पोषण हेतु केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी सरल भाषा में दी।

जैव रसायन विभाग की डॉ. किरण मीना ने अपने सत्र में संतुलित दिनचर्या, समय पर भोजन और नाश्ता न छोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जंक फूड से दूर रहने और पारंपरिक पौष्टिक आहार को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया।

सत्रों में छात्राओं की उत्साही भागीदारी देखने को मिली, जिन्होंने खुलकर प्रश्न पूछे और विशेषज्ञों से संवाद किया। कार्यक्रम का उद्देश्य किशोरियों को शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाना रहा, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ अपने विकास के महत्वपूर्ण चरणों को समझ सकें।

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