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सावन का महत्त्व और शिव आराधना: जीवन का नवसृजन :आचार्य ललित प्रसाद तिवारी

धर्मशास्त्रों में भगवान शिव के विषय में कहा गया है, "भावी मेट सकहिं त्रिपुरारी"। शिव आराधना से जीवन के अनेक कष्ट और बाधाओं को दूर किया जा सकता है। सावन का महीना शिव की आराधना के लिए अत्यधिक उपयुक्त माना गया है। इस महीने में की गई शिव आराधना अंतर्मन के दुखों को दूर करके ग्रह कष्ट एवं अन्य किसी भी प्रकार की बाधा को दूर कर जीवन में उमंग एवं शुभ तत्व की वृद्धि करती है।

उत्तराखंड//हरिद्वार//डोईवाला

(अंकित तिवारी)
ऋतु बदलते ही सावन और मन बदलते ही जीवन में उमंग की बहार आ जाती है। यह मौसम अपने साथ एक नवीन ऊर्जा और सकारात्मकता लाता है, जिससे मनुष्य को जीवन का कायाकल्प करने का एक अन्य अवसर मिल जाता है। सावन का महीना, विशेषकर हिंदू धर्म में, अत्यधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस महीने में शिव आराधना का विशेष महत्व है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव भावी को मेटने में समर्थ हैं, अर्थात वे ललाट में लिखे विधाता के लेख को भी बदल सकते हैं।

*शिव आराधना का महत्त्व*
धर्मशास्त्रों में भगवान शिव के विषय में कहा गया है, “भावी मेट सकहिं त्रिपुरारी”। शिव आराधना से जीवन के अनेक कष्ट और बाधाओं को दूर किया जा सकता है। सावन का महीना शिव की आराधना के लिए अत्यधिक उपयुक्त माना गया है। इस महीने में की गई शिव आराधना अंतर्मन के दुखों को दूर करके ग्रह कष्ट एवं अन्य किसी भी प्रकार की बाधा को दूर कर जीवन में उमंग एवं शुभ तत्व की वृद्धि करती है।

*राम नाम लिखने का अमोघ फल*
शंकर-पार्वती जी के संवाद अनुसार, राम नाम विष्णु सहस्रनाम के समान फलदायी है। भगवान शंकर, माता पार्वती से कहते हैं कि वे सदा राम नाम जपते हैं – “राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्र नाम तत्तुल्य राम नाम वरानने”। शास्त्रों के अनुसार, शिव, भगवान राम को और भगवान राम, शिव जी को अपना आराध्य मानते हैं।

रामकथा वाचक ललित प्रसाद तिवारी बताते है कि सावन में राम नाम की महिमा
सावन के महीने में प्रतिदिन राम नाम लिखने से श्रीराम के साथ उनके आराध्य भगवान शिव की कृपा सहज रूप से भक्तों को प्राप्त होती है। सावन का प्रत्येक दिन पूजा-पाठ, आराधना के लिए अमोघ फलदायी है, इसलिए यथासंभव सावन के प्रत्येक दिन पूजा करनी चाहिए। विशेषकर, सावन के मंगलवार और शनिवार को गणेश वंदना, शिवोपासना के साथ राम नाम लिखने से शनि पीड़ा मुक्ति और हनुमत कृपा भी प्राप्त होती है। हनुमान जी, शिव जी के रुद्र अवतार माने गए हैं, अतः उनकी कृपा भी सहज रूप से प्राप्त होती है।

तिवारी कहते है कि लाल रंग की कलम से सावन में प्रतिदिन कम से कम 108 बार राम नाम लिखने का विशेष महत्व है। यह साधना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मन की शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी अत्यधिक लाभकारी मानी गई है।

उन्होंने कहा कि सावन का महीना एक अद्भुत अवसर है, जब हम शिव आराधना और राम नाम की साधना के माध्यम से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं। यह महीना हमें आत्मविश्लेषण, आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का अवसर प्रदान करता है। शिव और राम की कृपा से हम अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और एक सुखमय, शांतिपूर्ण और उन्नत जीवन की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।

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